दूसरा पहलू: टाइटेनियम के दिल के साथ सौ दिन... लंबे समय तक जिंदा रहने की यह पहली मिसाल
चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में नई-नई तकनीकी खोजों के कारण रोजाना नए-नए कमाल हो रहे हैं। ताजा मामला ऑस्ट्रेलिया का है, जहां एक व्यक्ति 100 दिनों तक टाइटेनियम से बने दिल के साथ जिंदा रहा। इस तकनीक के साथ इतने लंबे समय तक जिंदा रहने का यह पहला मामला है। मरीज की पहचान अभी तक सामने नहीं आई है, लेकिन पिछले साल नवंबर में सिडनी के एक अस्पताल में सर्जरी कर उसे यह दिल लगाया गया था। फरवरी में उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी। इस तरह टाइटेनियम दिल के साथ अस्पताल छोड़ने वाला यह दुनिया का पहला व्यक्ति बन गया। इस व्यक्ति को मार्च में एक डोनर मिल गया, जिसके बाद उसे असली दिल लगा दिया गया है। टाइटेनियम के दिल को बनाने वाली कंपनी बिवैकार और अस्पताल ने अपने बयान में कहा कि मरीज का हार्ट फेल हो गया था और अब वह ठीक हो रहा है। बिवैकार के टोटल आर्टिफिशियल हार्ट में एक ही मूविंग पार्ट है। इसमें एक रोटर लगा हुआ है, जो चुंबकों की मदद से अपनी जगह पर संतुलित रहता है। इसमें कोई भी वाल्व और मैकेनिकल बियरिंग नहीं है। यह हार्ट फेल्योर की स्थिति में दोनों वेंट्रिकल्स की जगह लेकर शरीर और फेफड़ों में रक्त आपूर्ति करता है। इस समय दुनिया में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण हर साल 1.8 करोड़ लोगों की मौत होती है। ऐसे में यह डिवाइस बड़ी संख्या में लोगों की जिंदगियां बचाने के काम आ सकती है। ऑस्ट्रेलिया के टेक्सस हार्ट इंस्टीट्यूट ने टाइटेनियम का दिल तैयार किया है। अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन की निगरानी में इस अध्ययन को सफल बनाया गया है। इंस्टीट्यूट के अनुसार, टाइटेनियम से बना दिल खून को पंप करने में मददगार होता है। इसमें चुंबकीय तत्व मौजूद रहते हैं, जो एक सामान्य हृदय की तरह शरीर के बाकी हिस्सों में खून के संचार को बेहतर बनाता है। टाइटेनियम से बना कृत्रिम हृदय 12 लीटर प्रति मिनट की दर से ब्लड पंप करता है, जो एक वयस्क को जिंदा रखने के लिए पर्याप्त है।टाइटेनियम हार्ट को चार्ज करने के लिए एक छोटे रिचार्जेबल कंट्रोलर की जरूरत पड़ती है। वहीं एक बार चार्ज करने के बाद यह कई घंटे तक काम कर सकता है। बिवैकार के संस्थापक डैनियल टिम्स का कहना है कि टाइटेनियम हार्ट का आखिरी चरण का ट्रायल अभी बाकी है। ऐसे में टाइटेनियम हार्ट को अभी हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। हालांकि जो लोग परमानेंट हार्ट सर्जरी का इंतजार कर रहे हैं, ये हार्ट ट्रांसप्लांट उन्हीं के लिए होगा। (लेखक हिंदी विश्वकोश के पूर्व सहायक संपादक हैं)
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 24, 2025, 05:00 IST
दूसरा पहलू: टाइटेनियम के दिल के साथ सौ दिन... लंबे समय तक जिंदा रहने की यह पहली मिसाल #Opinion #National #Titanium #Technology #ArtificialHeart #SubahSamachar