Champawat News: आईसीयू नहीं चलने का खामियाजा भुगत रहीं 100 साल की आमा
चंपावत। सांस और फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहीं 100 साल की आमा इलाज के लिए तरस रही हैं। उनकी हालत देखते हुए आईसीयू में भर्ती किया जाना जरूरी है लेकिन आईसीयू का संचालन नहीं होने से उन्हें इलाज नहीं मिल पा रहा है। शहर के पास के ढकना बडोला गांव की उमेदी देवी पिछले कुछ समय से सांस और फेफड़े की बीमारी से पीड़ित हैं। मंगलवार को एकाएक तबियत बिगड़ने पर कमल सिंह अपनी दादी उमेदी देवी को जिला अस्पताल लाए। आईसीयू के काम नहीं करने पर चिकित्सकों ने उन्हें हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाने की सलाह दी लेकिन माली हालत ठीक न होने के साथ ही उमेदी देवी के पास आयुष्मान स्वास्थ्य कार्ड न होने के कारण उन्हें परिजन बाहर भी नहीं ले पा रहे हैं। इसमें उनके सामने आर्थिक दिक्कत सामने आ रही है। जिला अस्पताल के प्रभारी पीएमएस डॉ. विवेक सिंह का कहना है कि बुजुर्ग महिला को हायर सेंटर ले जाना जरूरी है। वहीं स्टाफ नर्स की कमी से आईसीयू का संचालन मार्च से बंद है। स्टाफ की तैनाती के लिए कई बार पत्र भेजा जा चुका है। 1.83 करोड़ के आईसीयू में ताले, वेंटिलेटर फांक रहे धूल चंपावत। जिले के सरकारी अस्पतालों में आईसीयू (सघन निगरानी यूनिट) में ताले लटके हैं तो वेंटिलेटर धूल फांक रहे हैं। इस कारण सामान्य वक्त में भी ज्यादातर मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऐसे मरीजों को अमूमन हल्द्वानी रेफर किया जा रहा है। जिले में दो साल पहले 1.83 करोड़ रुपये से चंपावत, लोहाघाट और टनकपुर में आईसीयू स्थापित किए गए। इन तीनों आईसीयू में 14 बेड और 13 वेंटिलेटर हैं लेकिन उपयोग में एक भी नहीं आ रहा है। इस कारण कोरोना महामारी के अलावा दमा फेफड़े, सांस और कई अन्य गंभीर मामलों में रोगियों को हल्द्वानी या दूसरे अस्पतालों की दौड़ लगाने को मजबूर होना पड़ रहा है। कार्मिकों की कमी से आईसीयू का उपयोग नहीं हो पा रहा है। वेंटिलेटर लंबे समय से काम नहीं आए हैं। इनके उपयोग का प्रयास किया जाएगा। -डॉ. केके अग्रवाल, सीएमओ, चंपावत। चंपावत जिला अस्पताल में 100 वर्षीय उमेदी देवी का परीक्षण करते डॉ. विवेक सिंह। संवाद- फोटो : TANAKPUR
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 29, 2022, 23:42 IST
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