Jalandhar News: नशा विरोधी अभियान में सात माह में 1359 किलोग्राम हेरोइन जब्त
-नशे के खिलाफ अभियान में बड़ी सफलतासंवाद न्यूज एजेंसीअमृतसर। पंजाब सरकार के नशे के खिलाफ छेड़े गए गए अभियान में सात माह में 1,359 किलोग्राम हेरोइन जब्ज की गई है। सरकार ने एन्फोर्समेंट- डिएडिक्शन- प्रिवेंशन (ईडीपी) की तीन-तरफा रणनीति अपनाई। इस दौरान राज्य ने रैपिड-फायर्ड रेड्स, विशेष टास्क-फोर्स, स्थानीय पुलिस और जिला स्तर पर समन्वित अभियान चलाए। सात माह में 437 किग्रा अफीम, 248 क्विंटल चूरा पोस्त, 31 किग्रा चरस, 498 किग्रा गांजा, 7.2 किग्रा आईसीई और 37 लाख नशीले टैबलेट, कैप्सूल जब्त किए गए हैं। यह बरामदगी यह दर्शाती हैं कि नशे की बड़ी खेप और सप्लाई-चेन को निशाना बनाया गया। सरकार और पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक हालिया विभिन्न अभियानों के तहत सिर्फ सात महीनों में 31,478 से अधिक नशा तस्करों को हिरासत में लिया गया और 20,641 से अधिक एफआईआर दर्ज की गईं। लगातार चल रहे वार ऑन ड्रग्स अभियान के दौरान कुछ सत्रों में एक ही दिन या कुछ हफ्तों में सैकड़ों कार्रवाई-रिपोर्टें सामने आईं जिससे कुल गिरफ्तारियों का आंकड़ा तीव्र रूप से बढ़ा। इन आंकड़ों से संकेत मिलता है कि प्रवर्तन पर तेज़ी आई है और प्राथमिकी दर्ज करने की दर भी ऊंची रही।208 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्तपंजाब पुलिस ने 2024 में बड़ी खेपों से जुड़े 153 प्रमुख तस्करों की गिरफ्तारी की सूचना दी। उसी वर्ष अधिकारियों ने आरोपियों की संपत्तियां बैंक बैलेंस, प्रॉपर्टी आदि भी जब्त कीं। रिपोर्ट के अनुसार इस श्रेणी में एक साल में लगभग रुपये 208 करोड़ के बराबर संपत्ति जब्त करने का दावा किया गया था। इस तरह की जब्तियों का उद्देश्य आर्थिक तंत्र को निशाना बनाकर तस्करी-नेटवर्क को कमजोर करना है। राज्य में डी एडिक्शन बेड बढ़ाकर लगभग 1,500 से बढ़ाकर 5,000 तक लाया गया है। ओओएटी क्लीनिकों की संख्या और टोल-फ्री हेल्पलाइन जैसी सुविधाएं बढ़ाई गईं हैं। दोषसिद्धिदर 86%तक बढ़ीपिछले वर्षों में नशे से जुड़े मामलों के दोषसिद्धि दर में भी वृद्धि देखने को मिली है। बताया जा रहा है कि यह दर 86% तक बढ़ने का उल्लेख किया है जो यह संकेत देता है कि जांच और साक्ष्य प्रस्तुत करने की प्रक्रिया में मजबूती आई है। हालांकि प्रवर्तन और जब्ती में बड़ी सफलता मिली है पर समस्या पूरी तरह नहीं मिटी। सीमा पार सप्लाई-लिंक, घरेलू वितरण-नेटवर्क, युवा वर्ग में नशे की प्रवृत्ति और पुनः गिरावट जैसी चुनौतियां बनी हुई हैं। पुलिस कमिश्पर गुरप्रीत सिंह भुल्लर करते हैं कि नशा के खिलाफ अभियान में किसी को भी माफ नहीं किया जा सकता। चाहे वह कोई भी व्यक्ति क्यों न हो। पुलिस कर्मियों को भी गिरफ्त में लिया जा रहा है जिनका नाश के सौदागरों के साथ कोई भी कनेक्शन है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 20, 2025, 20:54 IST
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