UP: दहेज के दानव ने छीना मां का आंचल, वर्षों बाद मुआवजे का मरहम...मासूमों को मिलेंगे तीन-तीन लाख रुपये

मिशन शक्ति के तहत चल रहे अभियान में ऐसे 180 केस सामने आए हैं। अब आश्रितों के बैंक खाते खुलवाने के बाद इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। जल्द ही बच्चों को 3-3 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। डीसीपी सिटी सैयद अली अब्बास ने बताया कि वर्ष 2015 में दहेज हत्या, दुष्कर्म, पाॅक्सो एक्ट के मामलों में मृतका के बच्चों और पीड़िताओं की मदद के लिए सरकार ने रानी लक्ष्मी बाई आर्थिक सहायता योजना शुरू की थी। योजना शुरू होने के बाद 87 केस में आर्थिक सहायता दिलाई गई थी। दहेज हत्या का केस दर्ज होने पर एसीपी स्तर के अधिकारी विवेचना करते हैं। विवेचना में इस बात के साक्ष्य मिलने चाहिए कि किसी विवाहिता की मृत्यु शादी के सात साल के अंदर हुई हो। इस अवधि में मृत्यु होने पर दहेज हत्या में आरोपपत्र लगाया जाता है। पुलिस लाइन स्थित रानी लक्ष्मी बाई सहायता प्रकोष्ठ में डाटा भेजा जाता है। इसके बाद मृतका के बच्चों के खाते में रकम आ जाती है। वर्ष 2017 से अब तक दर्ज दहेज हत्या के केस में पिछले दिनों पुलिस ने घर-घर जाकर सत्यापन किया। इसमें सामने आया कि 180 केस में बच्चों को सहायता नहीं मिली। इनमें से साै का डाटा पूर्व में जिला प्रशासन की ओर से भेजा गया था मगर खाते सहित अन्य जानकारी पूर्ण न होने की वजह से रकम नहीं मिल सकी। अब सभी प्रक्रिया को पूर्ण करके जानकारी शासन को भेजी जा रही है। यह जानकारी आवश्यक योजना की जानकारी पीड़ित परिवारों को भी नहीं है। इस वजह से लोग खुद भी अधिकारियों से संपर्क नहीं कर पाते हैं। पुलिस दहेज हत्या की मृतका के बच्चों की जानकारी, माता-पिता का नाम, उनके खातों की जानकारी, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, एफआईआर और आरोपपत्र की काॅपी रानी लक्ष्मी बाई सहायता प्रकोष्ठ को भेजती है। इसके बाद पोर्टल पर डाटा फीड कर दिया जाता है। केस - 1 वर्ष 2017 में थाना न्यू आगरा में केस दर्ज हुआ था। मामले के अनुसार, सोनिया की मृत्यु हुई थी। मृतका के 13 साल का बेटा और 11 साल की बेटी है। घटना के समय बच्चे छोटे थे। घटना के बाद से सोनिया का पति फरार चल रहा है। बच्चे अपनी माैसी के पास थाना जगदीशपुरा क्षेत्र में रहने लगे। दोनों बच्चों का आधार कार्ड नहीं बन सका है। इस कारण बच्चों के खाते भी नहीं खुल पा रहे थे। आधार कार्ड बनाने के लिए मां या पिता किसी एक के बायोमेटि्रक की जरूरत होती है। अब पुलिस सभी प्रक्रिया पूरी करा रही है। इसके लिए नाना का बैंक खाता खुलवाया गया। केस - 2 वर्ष 2023 में थाना शमसाबाद में केस दर्ज हुआ था। मामले के अनुसार फंदा लगाने से गीता देवी की मौत हुई थी। पुलिस ने दहेज हत्या के आरोप में पति नीरज को जेल भेजा था। मृतका के दो बच्चे हैं। इनमें एक चार साल की बेटी तो दूसरा दो साल का बेटा है। दोनों बच्चे नाना-नानी के साथ रहते हैं। नाना मजदूरी करते हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उन्हें अब तक रकम नहीं मिली थी। पुलिस ने सत्यापन के बाद बच्चों का खाता खुलवाया है। इसकी रिपोर्ट भी डीपीओ कार्यालय भेजी गई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 15, 2025, 09:21 IST
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