Bhiwani News: बेटे की लाचार आंखों के सामने जिंदा जलने से बेबस पिता ने तोड़ा दिया दम
भिवानी। लाचार बेटे की आंखों के सामने ही आग की लपटों में जिंदा जलने से बेबस पिता ने दम तोड़ दिया। घने धुएं और आग की लपटों के बीच फंसे पिता की जान बचाने के लिए बेटा चिल्ला-चिल्ला कर गुहार लगाता रहा, लेकिन जब तक आग शांत हुई तब तक पिता की सांस भी थम चुकी थी। ये हादसा शहर की पुरानी अनाज मंडी में केडिया ट्रांसपोर्ट के पास किराना की दुकान के ऊपर बने मकान में हुआ। दरअसल, हीरालाल पंसारी (75) अपने जितेंद्र बंसल (39) बेटे के साथ पिछले पांच साल से यहां किराये पर तीन मंजिला बिल्डिंग लेकर अपना किराना का कारोबार चला रहा था। हीरालाल के चार लड़के और तीन बेटियां हैं। उसका एक बड़ा बेटा सूरत में रहता है, जबकि एक बेटा पतराम गेट पर रहता है। दो बेटे भी अपने परिवार के साथ अलग रहते हैं। तीनों बेटियों की शादी की हुई है। उसका बेटा जितेंद्र अविवाहित है और पिता के साथ ही किराना का काम करता है। हादसे के वक्त पहली मंजिल पर जितेंद्र तो जैसे तैसे घने धुएं और आग की लपटों को चीरता हुआ संकरी पौड़ियों से भागकर बाहर निकल गया, लेकिन भारी शरीर और उम्र ज्यादा होने की वजह से बेबस हीरालाल इतना खुश नसीब नहीं था। वह अंदर आग और घने धुएं के बीच करीब डेढ़ से दो घंटे तक फंसा रहा। जब तक आग शांत कर उसे बाहर निकाला जाता तब तक झुलसने और दम घुटने से वह दम तोड़ चुका था। संवादबहू की तेरहवीं के बाद हीरालाल भी हो गया दुनिया से विदाहीरालाल के बड़े बेटे देशराज ने बताया कि वह सूरत में रहता है। करीब 19 दिन पहले ही छोटे भाई की पत्नी का निधन हो गया था। इस वजह से उनका पूरा परिवार यहां आया हुआ था। हीरालाल की बहू की तेरहवीं की रस्म पूरी ही हुई थी कि इस बड़े हादसे का पहाड़ पूरे परिवार पर टूटा पड़ा। इसमें न केवल हीरालाल को परिवार ने खो दिया, बल्कि करीब 15 से 20 लाख का किराना का कारोबार भी चौपट हो गया। बेटे ने बताया कि 24 फरवरी को ही उसकी सूरत वापसी थी, लेकिन 23 की रात को ही भाई जितेंद्र का फोन आया कि दुकान में आग लग गई है। इस आग की लपटों ने पूरे परिवार को ही लपेटे में ले लिया और मातम से सन्नाटा पसर गया। करीब 19 साल पहले हीरालाल की पत्नी की मृत्यु हो चुकी थी।101 मिलाते रहे, नहीं लगा नंबर तो दो लोगों ने दमकल कार्यालय पहुंच दी घटना की सूचनाआसपास के दुकानदारों ने बताया कि रात करीब पौने 12 बजे इस हादसे की आसपास के लोगों को भनक लगी तो मौके पर पहुंचे थे। इस दौरान 101 पर दमकल को सूचना देने के लिए काफी बार नंबर मिलाया, नहीं लगा तो इसके बाद दो लोग रात को ही दमकल कार्यालय पहुंचे। इसके बाद तो एंबुलेंस और डायल 112 भी पहुंची। दमकल की दो गाड़ियां भी मौके पर आईं। करीब डेढ़ से दो घंटे में आग बुझाई गई। इसके बाद ही हीरालाल के शव को ऊपरी हिस्से से बाहर लाना संभव हो पाया। दमकल कर्मियों ने बताया कि अब 101 नंबर के बजाय डायल 112 पर ही आग व अन्य घटनाओं की सूचना दी जा सकती है।हादसे के बाद मौके पर पहुंचे विधायक, एक घंटे तक की व्यापारियों से बातहादसे की सूचना के बाद भिवानी के भाजपा विधायक घनश्याम सर्राफ मौके पर पहुंचे। उन्होंने करीब एक घंटे तक आसपास के व्यापारियों से बताकर इसकी जानकारी जुटाई। विधायक ने घटना पर दुख जताया और हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। व्यापारियों ने दमकल और अन्य मदद समय से नहीं पहुंचने पर भी अफसोस जताया।समय से दमकल और मदद पहुंचती तो शायद बचाई जा सकती थी बुजुर्ग की जानकम्युनिस्ट पार्टी जिला कमेटी भिवानी ने घटना में जिंदा जले हीरालाल की मौत को दुखद बताया। पार्टी जिला सचिव कामरेड ओमप्रकाश व सचिव मंडल सदस्य सुखदेव पालुवास ने घटना स्थल पर पहुंचकर पूरी जानकारी जुटाई और फिर अस्पताल पहुंचकर गहरी हादसे पर संवेदना जताई। उन्होंने मांग की है कि जिला प्रशासन व राज्य सरकार पीड़ित व प्रभावित परिवार को न्यायोचित मुआवजा दे तथा आग लगने की घटना की जांच करवाए कि किस कारण से यह आग लगी है। उन्होंने कहा कि घटना स्थल के पड़ोसियों ने अग्निशमन के 101 नंबर पर डायल किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया तथा फिर पुलिस के पास 112 नंबर पर डायल किया तथा दो व्यापारी भेजकर अग्निशमन विभाग के पास सूचना देने के आधे घंटे बाद अग्नि शमन की गाड़ियों ने आकर लगी आग पर काबू पाया जा सका। कामरेड ओम प्रकाश ने कहा कि अगर समय से मदद मिल जाती तो शायद बुजुर्ग किराना व्यापारी की जान बचाई जा सकती थी। उन्होंने सभी संस्थानों में प्रशासन द्वारा फायर सेफ्टी प्रबंधों की जांच की भी मांग उठाई, ताकि इस तरह के हादसों में जनहानि से बचा जा सके। सिमट रहा दमकल अमला, पांच गाड़ी एनसीआर से हुई बाहरजिला दमकल एवं आपातकालीन सेवाएं विभाग के बेड़े में पांच दमकल गाड़ी एनसीआर क्षेत्र से बाहर होने की वजह से दूसरे जिलों में भेजी गई हैं। अब जिला मुख्यालय पर सिर्फ पांच दमकल ही हैं, जिन पर केवल 15 कर्मचारी तैनात हैं। सिवानी में चार गाड़ी थी, एक गाड़ी जाने के बाद तीन रह गई हैं। जबकि भिवानी में दस में से चार गाड़ी दस साल पुरानी होने पर दूसरी जगह भेजी हैं। आग की बड़ी घटना होने पर दूसरे जिलों से दमकल बुलाई जाती हैं।पुरानी अनाज मंडी क्षेत्र की एक दुकान और ऊपर बने मकान में आग लगने से पिता-पुत्र झुलस गए हैं। दोनों को मुश्किल से बाहर निकाला गया है। पिता की मौत हो चुकी है। दुकानदार का उपचार चल रहा है। मौके पर एफएसएल की टीम ने भी मुआयना किया है। शव का पोस्टमार्टम कराकर वारिसान को सौंप दिया है। जितेंद्र के बयान दर्ज कर नुकसान के आकलन की जानकारी दर्ज की जाएगी। -देवेंद्र सिंह, इंचार्ज, दिनोद गेट पुलिस चौकी भिवानी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 24, 2025, 21:39 IST
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