आज का शब्द: अगोचर और रामधारी सिंह "दिनकर" की कविता- मन्दिर
'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- अगोचर, जिसका अर्थ है- जो इन्द्रियों के द्वारा न जाना जा सके, जो देखा, सुना या समझा न जा सके। प्रस्तुत है रामधारी सिंह दिनकर की कविता- मन्दिर जहाँ मनुज का मन रहस्य में खो जाये, जहाँ लीन अपने भीतर नर हो जाये, भूल जाय जन जहाँ स्वकीय इयत्ता को, जहाँ पहुँच नर छुए अगोचर सत्ता को। धर्मालय है वही स्थान, वह हो चाहे सुनसान में, या मन्दिर-मस्जिद में अथवा जूते की दूकान में।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 01, 2025, 15:49 IST
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