आज का शब्द: भूषण और शमशेर बहादुर सिंह की कविता 'सजल स्नेह का भूषण केवल'

हिंदी हैं शब्द-शृंखला में आज का शब्द है -भूषण जिसका अर्थ है1. अलंकार 2. गहना 3. विष्णु। कवि शमशेर बहादुर सिंह ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। सजल स्नेह का भूषण केवल सरल प्रेम की सुंदरता; छिपी मर्म-सी कोमल उर में सहज, मिलन की आतुरता। ओठों पर विषाद की दृढ़ता, पलकों में आगत के प्रश्न; साँसों में स्वर बढ़ता करुणा का; अलकों में भावी स्वप्न। सहसा आ सम्मुख चुपचाप संध्या की प्रतिमा-सी मौन करती प्रेमालाप, प्रेयसि नहीं, परिचिता-सी वह कौन कर्मों की छाया-सी गूढ़ मन की गोचर स्त्रीत्व अतीत, स्नेह रही है ढूंढ़ - धूमिल-सी है यद्यपि स्नेह-प्रतीति। मेरे अंतर में भर जाती केवल अपना करुणा-राग: वह अजान सुलगाती क्यों नव यौवन में अबोध वैराग

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 13, 2025, 12:12 IST
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