आज का शब्द: नीत और मैथिलीशरण गुप्त की कविता- जीवन की ही जय है

'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- नीत, जिसका अर्थ है- पहुँचाया हुआ, स्थापित, प्राप्त। प्रस्तुत है मैथिलीशरण गुप्त की कविता- जीवन की ही जय है मृषा मृत्यु का भय है जीवन की ही जय है जीवन ही जड़ जमा रहा है नीत नव वैभव कमा रहा है पिता पुत्र में समा रहा है यह आत्मा अक्षय है जीवन की ही जय है। नया जन्म ही जग पाता है, मरण मूढ़-सा रह जाता है, एक बीज सौ उपजाता है। स्रष्टा बड़ा सदय है, जीवन की ही जय है। जीवन पर सौ बार मरूँ मैं, क्या इस धन को गाड़ धरूँ मैं यदि न उचित उपयोग करूँ मैं, तो फिर महाप्रलय है, जीवन की ही जय है। हमारे यूट्यूब चैनल कोSubscribeकरें।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 12, 2025, 17:23 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




आज का शब्द: नीत और मैथिलीशरण गुप्त की कविता- जीवन की ही जय है #Kavya #AajKaShabd #आजकाशब्द #Hindihanihum #हिंदीहैंहम #HindiHainHum #हिंदीहैंहम #HindiApnoKiBhashaSapnoKiBhasha #हिंदीअपनोंकीभाषासपनोंकीभाषा #SubahSamachar