आज का शब्द: प्रभा और रामकुमार वर्मा की कविता 'किरण–कण'
हिंदी हैं हम शब्द-शृंखला में आज का शब्द है - प्रभा जिसका अर्थ हैदीप्ति; प्रकाश; आभा; चमक। कवि रामकुमार वर्मा ने अपनी कविता में इस शब्द का प्रयोग किया है। एक दीपक किरण–कण हूँ। धूम्र जिसके क्रोड़ में है¸ उस अनल का हाथ हूँ मैं नव प्रभा लेकर चला हूँ¸ पर जलन के साथ हूँ मैं सिद्धि पाकर भी¸ तुम्हारी साधना का — ज्वलित क्षण हूँ। एक दीपक किरण–कण हूँ। व्योम के उर में¸ अपार भरा हुआ है जो अंधेरा और जिसने विश्व को¸ दो बार क्या¸ सौ बार घेरा उस तिमिर का नाश करने के लिए¸ — मैं अटल प्रण हूँ। एक दीपक किरण–कण हूँ। शलभ को अमरत्व देकर¸ प्रेम पर मरना सिखाया सूर्य का संदेश लेकर¸ रात्रि के उर में समाया पर तुम्हारा स्नेह खोकर भी¸ — तुम्हारी ही शरण हूँ। एक दीपक किरण–कण हूँ। हमारे यूट्यूब चैनल कोSubscribeकरें।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 19, 2025, 11:06 IST
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