आज का शब्द: शीर्ण और सूर्यकांत त्रिपाठी "निराला" की कविता- साधो मग डगमग पग

'हिंदी हैं हम' शब्द शृंखला में आज का शब्द है- शीर्ण, जिसका अर्थ है- टूटा-फूटा, फटा-पुराना, मुरझाया या कुम्हलाया हुआ। प्रस्तुत है सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कविता- साधो मग डगमग पग साधो मग डगमग पग, तमस्तरण जागे जग। शाप-शयन सो-सोकर, हुए शीर्ण खो-खोकर, अनवलाप रो-रोकर हुए चपल छलकर ठग। खोलो जीवन बन्धन, तोलो अनमोल नयन, प्राणों के पथ पावन, रँगो रेणु के रँग रग।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Feb 19, 2025, 19:39 IST
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