Pollution Control: यमुना में मूर्ति विसर्जन पर होगी कार्रवाई, DPCC की गाइडलाइंस जारी; 50 हजार तक का जुर्माना

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने पर्यावरण संरक्षण के लिए सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राजधानी में गणेशोत्सव और दुर्गा पूजा के दौरान यमुना नदी में मूर्ति विसर्जन पर अब 50,000 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। डीपीसीसी ने इन नियमों के पालन के लिए संबंधित विभागों को सितंबर और अक्तूबर में साप्ताहिक रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया गया है। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के 2019 और 2021 के आदेशों के अनुसार, गंगा और उसकी सहायक नदियों, जैसे यमुना में मूर्ति विसर्जन पर पर्यावरण क्षति शुल्क लगेगा।इसके अलावा, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 5 के तहत नदी प्रदूषण करने पर 1 लाख रुपये तक का जुर्माना, जेल या दोनों सजा हो सकती है। ये हैं मूर्तिकारों के लिए दिशा-निर्देश मूर्ति निर्माण के लिए प्राकृतिक मिट्टी और बायोडिग्रेडेबल सामग्री का उपयोग करें आम लोगों और आरडब्ल्यूए के लिए नियममूर्ति विसर्जन के लिए टब या बाल्टी का उपयोग करें सजावट के लिए प्राकृतिक रंग और पर्यावरण-अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल करें प्लास्टर ऑफ पेरिस (पीओपी) से मूर्तियां बनाना सख्त मना है पीओपी मूर्तियों का विसर्जन नदियों, तालाबों, झीलों या जोहड़ों में न करें पूजा सामग्री जैसे फूल, सजावटी सामान को विसर्जन से पहले मूर्ति से अलग करें विभागों की जिम्मेदारी नगर निगम और अन्य सिविक एजेंसियां मूर्ति विसर्जन के लिए अस्थाई तालाब बनाएं बिना लाइसेंस या पंजीकरण के मूर्तियां बेचने वालों पर एमसीडी कार्रवाई करे दिल्ली पुलिस और एमसीडी यह सुनिश्चित करें कि कोई भी मूर्ति लेकर यमुना नदी तक न पहुंचे प्रत्येक जिला मजिस्ट्रेट जुर्माना लागू करने के लिए टीमें गठित करें

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 29, 2025, 06:48 IST
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