घेराबंदी: अफगानिस्तान भी बांध बनाकर रोकेगा पाकिस्तान का पानी, शहतूत बांध परियोजना पूरी करने में मदद करेगा भारत
भारत की पुख्ता घेरेबंदी आने वाले समय में पाकिस्तान को बूंद-बूंद पानी के लिए तरसा सकती है। भारत के सिंधु जल संधि स्थगित करने के बाद अफगानिस्तान की ओर से भी पाकिस्तान को पानी का संकट झेलना पड़ सकता है। भारत ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की जीवन रेखा काबुल नदी पर लंबित लालंदर शहतूत बांध परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए वित्तीय मदद की पेशकश की है। वहीं, अफगानिस्तान ने कुनार नदी पर भी बांध बनाने की घोषणा की है। सिंधु घाटी से जुड़ी इन दोनों नदियों पर बांध बनने के बाद पाकिस्तान के एक बड़े हिस्से को पेयजल के लिए अफगानिस्तान के रहमोकरम पर रहना होगा। सूत्रों ने कहा कि बृहस्पतिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर की अफगान समकक्ष अमीर खान मुत्ताकी के साथ हुई वार्ता में शहतूत बांध परियोजना का विशेष जिक्र हुआ। भारत ने इस परियोजना को वित्तीय मदद फिर से शुरू करने का भरोसा दिया। ये भी पढ़ें:Report:53 देशों में 29.5 करोड़ लोग गंभीर खाद्य असुरक्षा से जूझ रहे, एक वक्त की रोटी जुटाना भी मुश्किल सूत्रों ने कहा कि तालिबान सरकार को निकट भविष्य में मान्यता देने व भारत में दूतावास शुरू करने पर भी जल्द व सकारात्मक विचार करने का भरोसा दिया गया। वार्ता की पृष्ठभूमि पहलगाम हमले के बाद 29 अप्रैल को विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव व पाकिस्तान डेस्क के प्रभारी आनंद प्रकाश के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल के अफगानिस्तान दौरे में तैयार की गई। सूत्रों ने बताया, भारत पाकिस्तान से निष्कासित अफगान शरणार्थियों के लिए मानवीय सहायता पर भी विचार कर रहा है। भारी पड़ेगा अफगानिस्तान का वार दोनों बांधों के लिए अफगानिस्तान को पाकिस्तान से किसी तरह की अनुमति लेने जैसी कोई बाध्यता नहीं है। काबुल नदी की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि यहां बांध बनने से खैबर पख्तूनख्वा में पानी का एक बड़ा स्रोत बाधित हो जाएगा। काबुल हिंदूकुश के पहाड़ों से निकलती है और पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा तक जाती है। कुनार नदी भी काबुल नदी में मिलती है। अटारी : व्यापार शुरू, अफगानिस्तान के छह ट्रक आए पहलगाम हमले के बाद अटारी सीमा बंद होने से भारत-अफगानिस्तान के बीच रुका व्यापार फिर शुरू हो गया है। पाकिस्तान स्थित वाघा सरहद पर फंसे अफगानिस्तान के 50 ट्रकों में से छह ट्रक शुक्रवार को इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट अटारी में दाखिल हुए। 23 अप्रैल को भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए अटारी सीमा बंद कर दी थी। इससे ड्राइफ्रूट से लदे ये ट्रक वहीं रह गए थे। ये भी पढ़ें:Weather Updates:ओडिशा में बिजली से नौ लोगों की मौत; जम्मू से UP, राजस्थान से मध्य प्रदेश तक दिखेगा लू का कहर पाकिस्तान के लिए नई मुसीबत सिंधु जल संधि पर विश्व बैंक के दखल से इन्कार के बाद दूसरे पड़ोसी अफगानिस्तान में काबुल और कुनार नदियों पर प्रस्तावित बांध परियोजनाएं पाकिस्तान के लिए किसी नई मुसीबत से कम नहीं हैं। दरअसल, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच कोई जल संधि नहीं है। ऐसे में परियोजनाएं रोकने के लिए पाकिस्तान किसी तीसरे पक्ष की मदद भी नहीं ले सकता है। संबंधित वीडियो
- Source: www.amarujala.com
- Published: May 17, 2025, 08:01 IST
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