नौ दिन शोक: फिर दुनियाभर के कार्डिनल मिलकर चुनेंगे नया पोप, चिमनी से निकला धुआं बताता है कि नाम पर बन गई सहमति
पोप की मृत्यु के साथ ही सदियों पुरानी रस्म शुरू हो जाती है, जिसमें कार्डिनल कॉलेज की तरफ से उत्तराधिकारी का चुनाव करने के लिए पवित्र शपथ लेना, मतपत्रों की गिनती के बाद उन्हें सुई और धागे से छेदना और फिर जलाकर सफेद या काला धुआं निकालना शामिल है, ताकि यह संकेत मिल सके कि दुनिया के 1.2 अरब कैथोलिकों के लिए कोई नया नेता चुन लिया गया है। पोप फ्रांसिस के निधन के बाद नौ दिन का शोक मनाया जाएगा। इस अवधि को नोवेन्डिएल कहा जाता है। इसके बाद नए पोप को चुनने की प्रक्रिया शुरू होगी। कुछ दिनों में दुनियाभर के कार्डिनल पापल कॉन्क्लेव के लिए रोम पहुंच जाएंगे। पोप का चयन कार्डिनल का प्रतिनिधिमंडल करेगा जो कैथोलिक चर्च के सबसे वरिष्ठ पादरी होते हैं। कार्डिनल ही तय करेंगे कि कॉन्क्लेव कब शुरू होगा। आमतौर पर 15-20 दिनों में वेटिकन के सिस्टिन चैपल में नए पोप के चुनाव के लिए पॉपल कॉन्क्लेव शुरू होता है। 80 वर्ष से कम उम्र के कार्डिनल ही कर सकते हैं मतदान पोप के चुनाव के लिए 80 वर्ष से अधिक उम्र के कार्डिनल मतदान में हिस्सा नहीं ले सकते। हाल में अपडेट वेटिकन के आंकड़ों के मुताबिक 80 वर्ष से कम आयु के 136 ही कार्डिनल मतदान के पात्र हैं। ये भी पढ़ें:Pope Francis Passes Away:पोप फ्रांसिस का निधन, 88 साल की उम्र में ली आखिरी सांस; भारत में तीन का राजकीय शोक बाहरी दुनिया से नहीं कर सकते संवाद कॉन्क्लेव शुरू होने पर सभी को वहीं रहना होगा। सारे कार्डिनल सिस्टीन चैपल में ही खाना खाते हैं, वोट डालते हैं और सोते हैं। मतदान के दौरान क्या हुआ, इस बारे में बाहर संवाद करने से कार्डिनल्स को सख्त मनाही रहती है। इस तरह होता है मतदान प्रारंभिक मास के बाद दोपहर को सिस्टिन चैपल में पहला मतदान होता है। यदि कोई पोप नहीं चुना जाता है, तो आने वाले दिनों में प्रत्येक सुबह दो और दोपहर दो मतदान होते हैं। मतपत्र कागज के टुकड़े होते हैं, जिन पर लिखा होता है- एलिगो इन सुम्मम पोंटिफिसम (मैं सर्वोच्च पोप के रूप में चुनता हूं) और इसके आगे कार्डिनल को पसंद का नाम लिखना होता है। प्रत्येक कार्डिनल इसके बाद कागज को आधा मोड़ता है, चैपल के सामने जाता है और घोषणा करता है-मैं अपने गवाह के रूप में मसीह प्रभु को बुलाता हूं, जो मेरा न्यायाधीश होगा। मेरा वोट उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसे मैं ईश्वर के सामने चुना जाना चाहता हूं। फिर वह मतपत्र को एक पात्र में डालता है। ये भी पढ़ें:Pope Francis:सेंट मैरी मेजर बैसिलिका में दफन किये जाएंगे पोप फ्रांसिस, अपनायी जाएगी ये प्रक्रिया दो-तिहाई बहुमत से बनेगा नया पोप पोप बेनेडिक्ट ने जॉन पॉल के 1996 के कॉन्क्लेव नियमों में संशोधन करके स्पष्ट किया था कि मतदान में भले ही कितना भी समय लगे लेकिन नए पोप के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी होगा। गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए मतपत्रों को स्टोव में जला दिया जाता है। सिस्टिन चैपल की चिमनी से निकलने वाले काले धुएं का मतलब है कि कोई निर्णय नहीं हुआ है, जबकि सफेद धुआं संकेत देता है कि कार्डिनल्स ने पोप चुन लिया है और इसे स्वीकार कर लिया है। चैपल की घंटियां बजने लगती है और अपने नए पोपल नाम के साथ नए पोप बाहर आकर श्रद्धालुओं को आशीर्वीद देते हैं। नए पोप के लिए संभावित उम्मीदवार प्रमुख उम्मीदवारों में इटली के कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन (70) हैं जो पोप के सचिव रहने के साथ अनुभवी वेटिकन राजनयिक भी हैं। अन्य दावेदारों में कनाडा के कार्डिनल मार्क ओउलेट (80), ऑस्ट्रिया के कार्डिनल क्रिस्टोफ शोनेबॉर्न (80), फिलीपीन के कार्डिनल लुइस टैगले (67), इटली के कार्डिनल मैटेओ जुप्पी (69) शामिल हैं। भारत के चार कार्डिनल बनेंगे चयन प्रक्रिया का हिस्सा 70 से अधिक देशों के 252 कार्डिनल हैं जिनमें से 135 नए पोप का चुनाव करने के लिए कॉन्क्लेव में मतदान करने के पात्र होंगे। पापल कॉन्क्लेव में मतदान के पात्र कार्डिनल में चार भारत के हैं। उनमें कार्डिनल बेसलोइस क्लेमिस थोट्टुंकल, कार्डिनल फिलिप नेरी फेराओ, कार्डिनल एंथनी पूला और कार्डिनल जॉर्ज जैकब कूवाकाड हैं। संबंधित वीडियो
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 22, 2025, 06:17 IST
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