Shahdol News: बाघ के बाद अब भालू ने दी दस्तक, कालरी प्रबंधन ने कर्मचारियों के लिए जारी की एडवाइजरी

शहडोल जिले में बाघ और भालुओं का मूवमेंट देखने को मिला है। बीते दिनों अंतरा के पास एक ग्रामीण को मौत के घाट उतारने वाले बाघ के मूवमेंट का पता लगाने में वन अमला जुटा हुआ था कि अचानक जैतपुर वन परिक्षेत्र के ग्राम देवरी में भालू की दस्तक हो गई है। इससे ग्रामीण और अधिक भयभीत हो गए हैं। वहीं, दो बाघों के पड़ोसी जिले में पदचिह्न मिलने के बाद वन अमला सतर्क हो गया है। जिले में बाघ के मूवमेंट को लेकर कोलरी प्रबंधन भी अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। एसईसीएल के बंगवार खदान प्रबंधक द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है, जिसमें सेकंड और नाइट शिफ्ट में ड्यूटी पर आने वाले समस्त कर्मचारियों से कहा गया है कि वे रात में अकेले ड्यूटी पर न आएं, बल्कि ग्रुप में आवाजाही करें। चूंकि बंगवार माइंस जंगल से सटी हुई है, इसलिए कोलरी प्रबंधन द्वारा बाघ के मूवमेंट को देखते हुए यह एडवाइजरी जारी की गई है। बुढार से करीब 15 से 20 किलोमीटर दूर ग्राम देवरी में भालुओं ने आमद दे दी है। बीती रात दो भालू चहलकदमी करते हुए ग्राम देवरी आ पहुंचे। वहां रिलायंस कंपनी के वेल में तैनात सुरक्षा कर्मियों ने भालुओं को देखा तो उनके होश उड़ गए। भालुओं को देखकर वे चार पहिया गाड़ी के अंदर जाकर छिप गए। कुछ देर बाद भालू झाड़ियों की ओर चले गए। लेकिन, गांव के आसपास उनकी मौजूदगी की खबर क्षेत्र में फैल गई, जिससे ग्रामवासी काफी डरे हुए हैं। चूंकि बाघ के हमले में एक ग्रामीण की मौत का मामला अभी भी लोगों के दिमाग में ताजा है, इसलिए भय और बढ़ गया है। ग्रामीणों को शंका है कि कहीं रात में भालू उनके घरों तक न पहुंच जाएं। भालुओं के अलावा केशवाही वन परिक्षेत्र में बाघ के मूवमेंट की जानकारी भी सामने आई है। पड़ोसी जिले अनूपपुर के ग्राम खम्हरिया में भी बाघ के पदचिह्न मिले हैं। शहडोल के अंतरा के समीप एक ग्रामीण को मौत के घाट उतारने वाले बाघ की लोकेशन का पता लगाने में वन अमला अभी जुटा हुआ था कि शुक्रवार सुबह बुढार-अनूपपुर के बीच खम्हरिया में बाघ के ताजा पदचिह्न मिलने की जानकारी मिली। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, जिले में बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। ठंड के मौसम में अक्सर बाघ और भालू अपना स्थान बदलते रहते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वे नए स्थानों पर पहुंच जाते हैं। बाघ लगभग एक से डेढ़ माह में अपनी टेरिटरी (रहने का स्थान) बदल देता है। वह करीब 20 से 40 किलोमीटर के दायरे में अपनी टेरिटरी बनाता है। जंगल से बाहर क्यों आ रहे वन्यजीव अब सवाल यह उठता है कि जंगलों को छोड़कर यह वन्यजीव रिहायशी क्षेत्रों की ओर क्यों आने लगे हैं। इसे लेकर अलग-अलग तर्क सामने आ रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि पहले की अपेक्षा अब वन माफिया जंगलों की कटाई में अधिक सक्रिय हैं। वहीं, जंगल में भोजन की उपलब्धता के अभाव में भी कई बार वन्यजीव भटकते हुए रिहायशी क्षेत्रों तक पहुंच जाते हैं। ग्रामीणों से सतर्क रहने की अपील देवरी में भालुओं के मूवमेंट को लेकर जैतपुर वन परिक्षेत्राधिकारी राहुल सिकरवार से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि उक्त क्षेत्र में भालुओं का स्थायी मूवमेंट बना रहता है। फिर भी ग्रामीणों से सतर्क और जागरूक रहने की अपील की गई है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 10, 2025, 09:57 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Shahdol News: बाघ के बाद अब भालू ने दी दस्तक, कालरी प्रबंधन ने कर्मचारियों के लिए जारी की एडवाइजरी #CityStates #MadhyaPradesh #Shahdol #SubahSamachar