AI: हाथ से लिखने का युग खत्म, डिजिटल निर्भरता ने बच्चों की सोचने की क्षमता को बदल दिया; जानिए कैसे हुआ बदलाव

Digital Learning Impact: एक समय था जब चाक, पेंसिल और इंक पेन बच्चों की कल्पना को आकार देते थे। अब वही बच्चे अंगुलियों से स्क्रीन पर स्क्रॉल कर रहे हैं, सोचने से पहले सर्च कर रहे हैं और लिखने की जगह टाइप कर रहे हैं। सवाल यह है कि क्या डिजिटल दुनिया बच्चों का दिमाग तेज बना रही है या उसे पूर्वनिर्मित बुद्धि (प्री फैब्रिकेटेड इंटेलिजेंस) की दिशा में धकेल रही है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी दिल्ली) के संयुक्त अध्ययन में यह खुलासा हुआ है कि पिछले दस वर्षों में बच्चों के हैंडराइटिंग-टू-थिंकिंग लिंक में लगभग 40% की कमी आई है। यह वह जैविक संबंध है जिसके तहत हाथ से लिखने की क्रिया मस्तिष्क के फ्रंटल कॉर्टेक्स और हिप्पोकैम्पस क्षेत्रों को सक्रिय करती है। यही वे क्षेत्र हैं जो स्मृति, रचनात्मकता और तर्कशक्ति के लिए जिम्मेदार होते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 13, 2025, 04:22 IST
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