अक्षय तृतीया के दिन ही क्यों होते हैं बांके बिहारी जी के चरण दर्शन? जानें इसका अद्भुत रहस्य
Banke Bihari Charan Darshan: अक्षय तृतीया हिन्दू धर्म में एक अत्यंत शुभ और पुण्यकारी तिथि मानी जाती है, जो हर वर्ष वैशाख माह की शुक्ल तृतीया को पड़ती है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि यह तिथि किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत के लिए अत्यंत उत्तम मानी जाती है। स्वर्ण खरीदारी, गृह प्रवेश, विवाह, और धार्मिक अनुष्ठान इस दिन बिना मुहूर्त देखे किए जा सकते हैं, क्योंकि यह तिथि कभी न समाप्त होने वाला पुण्य फल देती है। Easter Sunday 2025:ईस्टर पर क्यों सजाए जाते हैं अंडे जानें क्या है इसका धार्मिक महत्व लेकिन इस दिन का महत्व सिर्फ इसके धार्मिक पहलू तक सीमित नहीं है। वृंदावन स्थित बांके बिहारी जी के मंदिर में अक्षय तृतीया के दिन एक अत्यंत दुर्लभ और चमत्कारी दृश्य देखने को मिलता है। इस दिन, भक्तों को केवल एक बार भगवान के चरणों के दर्शन होते हैं। बाकी दिनों में ठाकुर जी के चरण वस्त्रों से ढके रहते हैं। यह परंपरा स्वामी हरिदास जी की भक्ति से जुड़ी है, जिन्होंने भगवान के चरणों से धन प्राप्त किया था। इस दिन के दर्शन से भक्तों को न केवल दिव्यता का आभास होता है, बल्कि उनकी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। Parshuram Janmotsav 2025:भगवान परशुराम का जीवन दर्शन समाज के लिए प्रेरणादायक
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 19, 2025, 15:31 IST
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