Aligarh: चिह्नित हो रहे पुराने फसाद, जुड़े लोगों की देखी जा रही सक्रियता, नहीं बदलने दी जाएगी कोई परंपरा

सांप्रदायिक दृष्टि से अतिसंवेदनशील पुराने अलीगढ़ शहर में काली मेला मार्ग को लेकर 6 अप्रैल को जो कुछ हुआ, उसकी गूंज शासन तक पहुंची है। इस विवाद पर संज्ञान लेकर मुकदमे के साथ-साथ यह साफ कर दिया है कि अब किसी भी इस तरह के परंपरागत आयोजन में कोई बदलाव न होने पाए। चाहें वह किसी भी वर्ग या धर्म का हो। साथ में ऐसे किसी विवाद को लेकर शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े। इसे लेकर पुलिस प्रशासन स्तर से पुराने शहर के पुराने सभी विवादों व उनसे जुड़े लोगों की सक्रियता फिर से देखी जा रही है। ताकि उनकी निगरानी हो सके। अगर कहीं कोई विवाद उपजने की स्थिति है तो उसे समय से निस्तारित कराया जा सके। यह भी पढ़ेंबेबस प्रशासन:आयोजक-मुहल्ले वाले भिड़े, हुई धक्कामुक्की, 48 साल बाद पुरानी राह पर मां काली मेला 6 अप्रैल को मेला आयोजकों ने जब मेला मार्ग बदलने की बात कही तो अधिकारियों ने मना किया। बात जिले के वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंची। फोन पर एसएसपी ने साफ इन्कार कर दिया। यहां तक कह दिया कि बात शासन में बताई जाएगी। शहर में कुछ हुआ तो जवाबदेही किसकी होगी। मगर आयोजक नहीं माने। इसके बाद पूरा विषय शासन में वरिष्ठ अफसरों को बताया गया। इसके बाद मुकदमे के साथ-साथ आगे के लिए होमवर्क करने के निर्देश मिले हैं। यह भी कह दिया कि आगे से इस तरह कहीं कोई परंपरा न तोड़ी जाए। इसी क्रम में शहर में आजादी से लेकर अब तक के सभी सांप्रदायिक विवादों, उनसे जुड़े लोगों, कारणों, वर्तमान में उनकी स्थिति आदि पर होमवर्क किया जा रहा है। हालांकि सभी के रिकार्ड रजिस्टर थानों में बने हैं। मगर सभी की नए सिरे से सक्रियता देखी जा रही है। शहर में कानून व्यवस्था को लेकर जो भी कुछ उचित होगा, वह किया जाएगा। चाहे उसमें किसी तरह का भी कदम उठाना पड़े। कहीं कोई परंपरा भी नहीं तोड़ने दी जाएगी।-संजीव रंजन, डीएम, अलीगढ़ पुरानी परंपराओं में बदलाव नहीं होने दिया जाएगा। इस विषय में सभी पुराने विवादों में भी एक बार फिर से जानकारी जुटाई जा रही है। शासन से भी इस बात पर स्पष्ट निर्देश हैं।-संजीव सुमन, एसएसपी, अलीगढ़ ये कहना गलत है कि हमने बिना पूर्व सूचना के मार्ग बदला है। एक तो पिछले वर्ष की घटना मार्ग बदलने का कारण बनी। दूसरा इस बार पुलिस प्रशासन को पहले से लिखित सूचना भेजी गई थी। जिस पर न तो मना किया गया न हां में जवाब आया। रहा सवाल मुकदमे का तो उस पर कानूनी रूप से लड़ा जाएगा।-शकुंतला भारती पूर्व मेयर, मेला संरक्षक

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 08, 2025, 11:21 IST
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