बाढ़ के साथ बारिश भी बढ़ा रही परेशानी, प्रभावित हो रही जिंदगी
- गंगा से निकलकर गांव की ओर बढ़ रहा पानीहस्तिनापुर। क्षेत्र के गांव बस्तोरा नारंग, दूधली, भीमकुंड मखदूमपुर आदि गांवों के लोग पिछले चार दिनों से गंगा में आए उफान के कारण जलभराव का दंश झेल रहे हैं। खेतों का पानी घरों तक पहुंच रहा है और जलस्तर घटने के बजाय स्थिर बना हुआ है। प्रशासन की ओर से किए गए तमाम प्रबंध पानी में डूबते प्रतीत हो रहे हैं। करीब एक सप्ताह पूर्व बस्तोरा नारंग गांव के समीप गंगा ने कटान शुरू किया था। कटान करते हुए गंगा धीरे-धीरे गांव के करीब डेढ़ सौ मीटर के नजदीक पहुंच गई। इससे ग्रामीण पूरी तरह भयभीत हो गए। गंगा का पानी बाहर निकल कर गांव की ओर पहुंच रहा है। इससे अभी उन्हें कोई राहत मिलती नजर नहीं आ रही है।पिछले चार दिनों से गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से कटान तो कुछ हद तक कम हो गया। परंतु गंगा नदी को गांव के पास देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए और गांव से पलायन शुरू कर दिया। गांव के अधिकतर लोग रिश्तेदारी और दूसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिल रही है। बृहस्पतिवार को गांव में पहुंचे राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने डीएम वीके सिंह, एसएसपी डॉ. विपिन ताडा की मौजूदगी में ग्रामीणों को बाढ़ राहत सामग्री वितरित की थी, जहां पर ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। कुछ ग्रामीणों ने बाढ़ राहत सामग्री लेने से भी इन्कार कर दिया था। उनकी मांग थी कि उन्हें सुरक्षित स्थान पर पट्टे आवंटित किए जाएं, क्योंकि अब उनका गांव जल्द ही गंगा में कटने वाला है। बस्तोरा नारंग गांव के घरों में बाढ़ का पानी पिछले तीन दिनों से भरा हुआ है। अभी वह ग्रामीण गांव में मौजूद हैं, जिनके पास दूसरे स्थान पर सुरक्षित ठिकाना नहीं है या अपनी रिश्तेदारों में जाने में समर्थ नहीं हैं। शुक्रवार को भी कई लोग गांव से पलायन करते देखे गए, जबकि मंगलवार से ही ग्रामीणों का गांव से निकलकर दूसरे स्थान पर जाने का सिलसिला जारी है। लगातार बारिश से बढ़ी परेशानीखादर क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से हजारों लोगों का जनजीवन पूरी तरह प्रभावित है। वहीं बाढ़ ने भी इन लोगों को प्रभावित किया है। कई गांव के लोगों के सामने फसल बर्बाद होने के बाद अब रोजी रोटी का भी कोई साधन नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से तो फसल बच जाती, परंतु अब बारिश से कोई उम्मीद नहीं है। अनेक स्थानों पर जलभराव की गंभीर समस्या बनी हुई है। प्रशासन से नहीं मिल रही मददखादर क्षेत्र के लोगों का कहना है कि प्रशासन द्वारा आज तक बाढ़ के प्रबंध नहीं किए गए जिस कारण वह प्रतिवर्ष बाढ़ आने पर बर्बाद हो जाते हैं। अभी तक आई बाढ़ में शासन-प्रशासन से राहत की आस लगाए लोगों को मायूसी हाथ लगी है। लोगों ने घर का सामान अन्य ठिकानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि उनका गांव गंगा में कटने वाला है, परंतु प्रशासन की ओर से उनकी कोई मदद नहीं की जा रही है। ग्रामीण खुद भगवान भरोसे अपना जीवन यापन कर रहे हैं। बिजनौर बैराज पर स्थिर है गंगा का जलस्तरपिछले पांच दिनों से लगातार गंगा का जलस्तर स्थिर चल रहा है। शुक्रवार को गंगा का जलस्तर 1.70 लाख क्यूसेक रहा। जो बस्तोरा गांव के समीप बाहर निकल कर गांव की ओर बढ़ रहा था। इस समय गांव के संपर्क मार्ग पर अधिक पानी होने से आवागमन भी प्रभावित हो रहा है। बाढ़ का पानी गांव में आने पर नहाते बच्चे स्रोत संवाद बाढ़ का पानी गांव में आने पर नहाते बच्चे स्रोत संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 05, 2025, 20:06 IST
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