अमर उजाला पड़ताल: कैसी है पाठशाला? कोटद्वार में यहां सीलन वाली टपकती छतों के नीचे ज्ञान ले रही हैं बेटियां

एक ओर जहां सरकार बेटियों को पढ़ाने व उन्हें आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं संचालित कर रही है, वहीं उनके लिए बनाए गए शिक्षण संस्थान की स्थिति खस्ताहाल है। ऐसा ही एक विद्यालय राजकीय बालिका इंटर कालेज कोटद्वार है। यह विद्यालय नगर का सबसे पुराना छात्राओं का स्कूल है, जिसकी हालत पीएमश्री विद्यालय बनने के बाद भी नहीं सुधर सकी है। यहां पहले ब्लॉक के सभी चार कमरे खस्ताहाल है और खिड़की व दरवाजे तक गल चुके हैं। दूसरे व चौथे ब्लॉक में भी कमरों की छतें टपक रही हैं। दूसरे ब्लॉक के एक कमरे की स्थिति ज्यादा दयनीय है। वर्तमान में विद्यालय में 520 छात्राएं अध्ययनरत हैं। कोटद्वार के बदरीनाथ मार्ग पर 16.5 बीघा भूमि पर आजादी के बाद 1956 में बालिका जूनियर हाईस्कूल खोला गया। सन् 1972 में विद्यालय को हाईस्कूल स्तर व 1965 में इंटर स्तर पर उच्चीकृत किया गया। विद्यालय भवन में चार ब्लॉक हैं। जिसमें प्रथम ब्लॉक में 5 कमरों में प्रयोगशाला व क्रीड़ा कक्ष है। इस ब्लॉक के कमरों की हालत बहुत ही खस्ताहाल है। स्थिति यह है कि जहां छत से पानी टपकने से प्लास्टर झड़ रहा है। वहीं, दीवारें सीलन से भरी हैं। कई कमरों के दरवाजे व खिड़कियां भी गल चुकी हैं। Chamoli:भूधंसाव की चपेट में आया नंदानगर का बैंड बाजार, खतरे की जद में आई 25 दुकानें, 34 परिवार किए शिफ्ट दूसरे ब्लॉक में स्थित कक्षा-कक्षों की स्थिति भी कमोवेश यही है। यहां एक कमरे की स्थिति ज्यादा खस्ताहाल होने के कारण विद्यालय प्रशासन ने बच्चों को दूसरे कमरे में शिफ्ट कर दिया है। अन्य पांच कमरों और छतों पर भी सीलन आने से प्लास्टर झड़ने लगा है। चौथे ब्लॉक में भी चार कमरों की हालत खस्ताहाल है। पूर्व में विधायक निधि से जिन 10 कमरों की मरम्मत कराई गई। उसमें से भी 8 कमरों की छत टपकने लगी हैं। संगीत कक्ष की हालत भी खस्ताहाल है। दो साल पहले विद्यालय को पीएम श्री विद्यालय घोषित किया गया, लेकिन इसके बाद भी विद्यालय भवन की स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। प्रभारी प्रधानाचार्य बबीता ध्यानी बताती हैं कि खस्ताहाल कमरों के संबंध में उच्चाधिकारियों को लिखित व मौखिक अवगत कराया जा रहा है। पूर्व में पांच कमरों के निर्माण की स्वीकृति भी मिली थी लेकिन अभी तक उनका निर्माण भी शुरू नहीं हो पाया है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 31, 2025, 20:48 IST
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