अमर उजाला-पेंगुइन युवा कहानी प्रतियोगिता: नतीजे में दिखी संघर्ष से सपनों तक पहुंचने की जिद, नौजवानों की कलम...
अमर उजाला-पेंगुइन युवा कहानी प्रतियोगिता में नौजवानों ने अपनी कलम से जिंदगी के अलग-अलग रंग उकेरकर अपनी प्रतिभा का अनूठा परिचय दिया है। 18 से 27 वर्ष तक की उम्र के युवाओं ने संघर्ष से लेकर अपने सपनों तक पहुंचने की जिद को अपनी रचनाओं के माध्यम से सशक्त तरीके से उभारा। आज के भारत का जीवंत और विविधतापूर्ण चित्रण सामने रखा। ऐसी ही 25 प्रतिभाओं की रचनाओं का चयन किया गया है। जल्द ही ये रचनाएं पुस्तक का रूप लेकर युवा कथाकारों के सपनों में रंग भरेंगी। युवा कहानी प्रतियोगिता के लिए देश भर से एक हजार से ज्यादा प्रविष्टियां मिलीं। इनमें से 25 रचनाएं चुनना निर्णायकों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि सभी रचनांए हृदय को स्पर्श करती हैं। जूरी के मुताबिक, इन युवा लेखकों की कहानियां पढ़ते समय ऐसा लगता है, मानो हम समय के सबसे नजदीकी आईने में झांक रहे हों। इन कहानियों में कहीं छोटे शहरों के संघर्ष हैं, तो कहीं महानगरों की चमक-दमक के पीछे छिपी उदासी, कहीं रिश्तों की उलझन है, तो कहीं सपनों की ऊचाइयों तक पहुंचने की जिद। कुछ कहानियां आधुनिक तकनीक, सोशल मीडिया और बदलते सामाजिक मूल्यों को छूती हैं, तो कुछ हमारे भीतर दबे सवालों, नैतिक दुविधाओं और अस्तित्व की खोज को सामने लाती हैं। इनमें एक बात समान है-आज का युवा सिर्फ दर्शक नहीं है, बल्कि बदलाव का वाहक है। वह सवाल करता है, अपनी सच्चाई कहने से नहीं डरता और अपने अनुभवों को ईमानदारी से शब्दों में पिरोता है। उसकी कहानियों में न केवल संवेदनशीलता है, बल्कि अपनी दुनिया को नया आकार देने की ताकत भी है। हर कहानी एक अनूठा दृष्टिकोण लेकर आती है। कहीं आशा है, विद्रोह, है प्रेम है तो कहीं हानि, आत्म-खोज की गहराई। यह सिर्फ कहानियों का संकलन नहीं, बल्कि आज के भारत के युवा मानस की सामूहिक धड़कन है। घोषणा के प्राथमिक क्रम में चयनित सूची मेंशामिल 25 कहानियां फिल्टर के पीछे का चेहरा (असीम गुप्ता) n पात्र (अंशिता गौतम) n जिसकी छाँव में हम न बैठे (अनुराग बसंत) n उस ठेले पर रखा था दिल (अभिषेक राय) n इश्क वाला एक्सीडेंट (एरिका) n आँखों का रहस्य (हनी ) n भरोसे का खंडहर (अली मोहम्मद) n भूला हुआ गीत ( साक्षी जायसवाल) n बनूँगा तो फौजी है ( मुकुंद) n टूटा पुल (अत्रि देव ) n अंधेरों से रोशनी तक (नेहा पांचाल) n जो लोग तन्हा रह गए (अश्विन यादव ) n आखिरी पन्ना (विनय कुमार गुप्ता) n कोड में कैद खामोशी (मतांश मिश्रा) n सातवां फेरा इश्क का (यश्विनी यादव) n ब्रह्म रक्षक (कौशिकी सक्सेना) n धूल से धूप तक (इशिता जोशी) n एक मंजिल, जहाँ से रास्ते निकलते हैं (तरुण कोठारी) n अनकही दास्तान (अफसाना बानो) n लहरों से जूझता किनारा (सृष्टि यादव) n फ्रॉस्ट बाइट (प्रिया) n लव अफेयर (शीतल) n मिडिल बर्थ पर बिंदी (शशांक) n संतुलन ( शिवम गुप्ता) n कालचक्र (सुनिधि सिंह)। अब पेंगुइन चयनित प्रतिभागियों से आवश्यक औपचारिक पुष्टि की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद, यह सृजन पुस्तक के रूप में आपके हाथों में होगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 06, 2025, 05:02 IST
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