Nainital News: न्यायालय में टोपी पहनकर जाने की अनुमति देने के मामले में जवाब तलब, याचिका में दिए ये कारण

नैनीतालहाईकोर्ट ने टोपी न्यायालय में पहनकर जाने की अनुमति दिए जाने के मामले में दायर याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, बार कॉउसिंल ऑफ उत्तराखंड व उत्तराखंड बार एसोसिएशन को निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर की तिथि नियत की है। न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। नैनीताल निवासी विनोद नौटियाल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि टोपी उतारना संविधान में दिए गए मौलिक अधिकारों का हनन है। यहां तक कि संविधान की प्रस्तावना में नागरिक की गरिमा बनाए रखने के विरूद्ध है। याचिका में कहा कि किसी की टोपी उतारना या उतरवाना उसका अपमान करना है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि काली या किसी भी रंग की टोपी पहनकर न्यायालय कक्ष में प्रवेश किए जाने की अनुमति देने व बार काउंसिल आफ इंडिया को अपने नियमों में संशोधन करने के आदेश दिए जाने की मांग की है। याचिका में सरकार के साथ ही उत्तराखंड हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल, बार कॉउसिंल ऑफ उत्तराखंड व उत्तराखंड बार एसोसिएशन को पक्षकार बनाया है। कोर्ट ने सभी को जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए। बता दें कि जब वर्ष 2001 में वरिष्ठ मंत्री नारायणराम दास जी जब किसी प्रकरण में उत्तराखंड हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश अशोक देसाई के न्यायालय में उपस्थित हो रहे थे तो उनकी सफेद गांधी टैपी गेट पर पुलिस ने यह कर कर उतार दी कि हाईकोर्ट के आदेश है कि न्यायालय कक्ष में टोपी उतार कर आना है। उस समय बहुत विवाद हुआ था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 22, 2025, 11:25 IST
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