High Court : अग्रिम जमानत की तैयारी के दौरान हुई गिरफ्तारी अवैध हिरासत नहीं, आरोपी की याचिका खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि अग्रिम जमानत की तैयारी के दौरान हुई गिरफ्तारी अवैध हिरासत नहीं है। एफआईआर दर्ज होने के बाद हुईं गिरफ्तारी वैध है। इस टिप्पणी संग न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति विपिन चंद्र दीक्षित की अदालत ने प्रयागराज निवासी केसर सिंह की याचिका खारिज कर दी। याची ने अवैध हिरासत के खिलाफ हाईकोर्ट के दरवाजा खटखटाया था। मामला एयरपोर्ट थाना क्षेत्र का है। पीपलगांव निवासी याची के खिलाफ 16 अगस्त 2024 को जमीन पर अवैध कब्जा, रंगदारी मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज हुई थी। इसके खिलाफ उसने वर्ष 2024 में भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप से इन्कार करते हुए अग्रिम जमानत या जमानत करवाने की इजाजत दी थी। इसी दौरान याची को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 19 सितंबर को जमानत पर रिहा किया गया। अधिवक्ता ने दलील दी कि अग्रिम जमानत की अर्जी तैयार होने के दौरान याची की हुई गिरफ्तारी अवैध हिरासत के बराबर है। वहीं, राज्य सरकार की ओर से पेश अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कहा कि जब भी कोई एफआईआर होती है, तो आरोपी के गिरफ्तार होने की हमेशा संभावना होती है। जब तक अग्रिम जमानत की अर्जी पर कोई आदेश पारित नहीं हो जाता तब तक हुई गिरफ्तारी अवैध हिरासत नहीं है। कोर्ट ने याची की दलीलों को बेदम करार देते हुए याचिका खारिज कर दी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 20, 2025, 18:54 IST
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