Khandwa: कोंडावद पहुंचकर मृतकों के परिवार से मिले अरुण यादव, कहा- सीएम से करेंगे 50 लाख की सहायता देने की मांग

मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के ग्राम कोंडावद में मंगलवार को घटित अप्रत्याशित घटना के बाद शनिवार शाम कांग्रेस नेताओं का एक दल गांव पहुंचा। इस दल में पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के साथ बड़ी संख्या में जिले के कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल रहे। सभी ने आठों मृतकों के निवास पर पहुंचकर दिवंगतों को श्रद्धांजलि अर्पित की और शोकाकुल परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की। इस दौरान पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने मुख्यमंत्री से चर्चा कर पीड़ितों के परिजनों को कम से कम 50 लाख रुपये की राहत राशि का पैकेज दिए जाने की मांग करने की बात कही। दरअसल, अरुण यादव के इस दौरे को लेकर शहरभर में चर्चा का माहौल रहा। आम लोग उन्हें दबी जुबान में "उठावने वाले मंत्री" कहते नजर आए। उनका कहना था कि अब अरुण यादव खंडवा तब ही आते हैं जब किसी के यहां मृत्यु उपरांत शोक प्रकट करने जाना होता है। वहीं, भाजपा के कुछ कार्यकर्ताओं का कहना था कि इन्हें अब जाकर पीड़ितों से मिलने का समय मिला है, जबकि घटना को चार दिन से अधिक समय बीत चुका है और अब ये केवल दिखावा करते हुए राहत राशि बढ़ाए जाने की मांग कर रहे हैं। गरीब काश्तकार हैं पीड़ितों के परिजन ग्रामीणों से मिलने के बाद मीडिया से चर्चा के दौरान अरुण यादव ने कहा कि कोंडावद गांव में गणगौर पर्व के चलते कुएं की सफाई के लिए कुछ नौजवान हर साल की तरह कुएं में उतरे थे। इस दौरान एक-एक कर आठ लोगों की आकस्मिक और दुखद मृत्यु हो गई। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार यह हादसा मीथेन गैस के रिसाव से दम घुटने के कारण हुआ। उन्होंने कहा कि हमारी पूर्ण संवेदनाएं मृतक परिवारों के साथ हैं। हम सभी परिवारों से मिले हैं, एक मृतक की छह बेटियां हैं और परिवार का एकमात्र कमाने वाला सदस्य ही चल बसा है। प्रशासन ने कलेक्टर के माध्यम से 4 लाख रुपये की राहत राशि की घोषणा की है, लेकिन यह सहायता कम है। सभी गरीब परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, जिनके पास तीन एकड़ तक ही जमीन है। मुख्यमंत्री से मिलकर करेंगे 50 लाख के राहत पैकेज की मांग अरुण यादव ने कहा कि वे स्वयं सोमवार को मुख्यमंत्री से मिलकर प्रत्येक पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपये की विशेष राहत राशि दिए जाने की मांग करेंगे। उन्होंने कहा कि कलेक्टर स्तर पर घोषित की गई राशि नाकाफी है। यह कोई छोटी घटना नहीं है, यह एक बड़ी और गंभीर घटना है। कुछ परिवारों में तो काका-भतीजा दोनों ही चल बसे हैं, जबकि कुछ में केवल महिलाएं ही बची हैं। ऐसे में निश्चित रूप से पीड़ित परिवारों को विशेष राहत पैकेज की आवश्यकता है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 05, 2025, 21:46 IST
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