Assam: 'चीन अगर ब्रह्मपुत्र का पानी रोक ले तो क्या होगा' पाकिस्तान की धमकी की असम सीएम ने निकाली हवा
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने मंगलवार को कहा कि भारत द्वारा सिंधु जल समझौता स्थगित करने के बाद पाकिस्तान एक नई कहानी गढ़ रहा है कि अगर चीन ने ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवाह रोक दिया तो क्या होगा असम सीएम ने पाकिस्तान की मनगढ़ंत धमकी की हवा निकालते हुए कहा कि पहली बात तो चीन ऐसा कोई कदम नहीं उठाएगा और अगर ऐसा होता भी है तो इससे असम में हर साल आने वाली बाढ़ को कम करने में ही मदद मिलेगी। सरमा ने दिए ये तर्क सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में हिमंता बिस्व सरमा ने कहा कि 'जब से भारत ने सिंधु जल समझौते को स्थगित किया है तो पाकिस्तान एक मनगढ़ंत धमकी दे रहा है कि क्या होगा अगर चीन भारत में ब्रह्मपुत्र नदी का पानी रोक दे तो आइए इस मिथक को तोड़ते हैं, डर से नहीं बल्कि तथ्यों और राष्ट्रीय स्पष्टता के साथ।' सरमा ने आगे लिखा कि 'चीन अगर पानी का प्रवाह कम भी कर दे, तो (हालांकि इसकी संभावना नहीं है क्योंकि चीन ने किसी भी आधिकारिक मंच से ऐसे संकेत नहीं दिए हैं) इससे भारत में हर साल आने वाली बाढ़ को कम करने में मदद मिल सकती है, जो हर साल लाखों लोगों के विस्थापित होने और आजीविका तबाह होने का कारण बनती है।' ये भी पढ़ें-Indus Water Treaty:'पाकिस्तान खुद जिम्मेदार, सिंधु जल संधि को लेकर हम पर दोष न डालें', भारत की दो टूक बारिश से बढ़ता है ब्रह्मपुत्र का प्रवाह सरमा ने कहा कि पाकिस्तान 74 वर्षों तक सिंधु जल संधि के तहत फायदा उठाता रहा, अब भारत द्वारा अपने संप्रभु अधिकारों को फिर से हासिल करने पर घबरा रहा है। सरमा ने दावा किया कि ब्रह्मपुत्र नदी भारत में बढ़ती है। ब्रह्मपुत्र के कुल प्रवाह में चीन का योगदान 30-35 प्रतिशत है, जो ग्लेशियर के पिघलने और तिब्बती बारिश से आता है। बाकी का 70-75 प्रतिशत भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में होने वाली बारिश से आता है। सुबनसिरी, लोहित, कामेंग, मानस, धनसिरी, जिया भरली, कोपिली जैसी प्रमुख सहायक नदियां भी इसमें योगदान करती हैं। जबकि खासी, गारो और जंतिया पहाड़ियों से बहने वाली कृष्णाई, दिगारू और कुलसी जैसी नदियां भी इसके प्रवाह में योगदान करती हैं। असम सीएम ने दावा किया कि भारत-चीन सीमा पर नदी का प्रवाह 2000-3000 m3/s है, जबकि गुवाहाटी जैसे असम के मैदानी इलाकों में मानसून के दौरान यह बढ़कर 15000-20000 m3/s हो जाता है। ब्रह्मपुत्र वर्षा आधारित भारतीय नदी प्रणाली है, जो भारत में प्रवेश के बाद मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि 'ब्रह्मपुत्र को किसी एक स्रोत द्वारा नियंत्रित नहीं किया जाता है - यह हमारी भौगोलिक स्थिति, हमारे मानसून और हमारी सभ्यतागत लचीलापन द्वारा संचालित होती है।' ये भी पढ़ें-Nigeria Floods:अफ्रीकी देश में बाढ़ से 151 लोगों की मौत; सूखाग्रस्त क्षेत्र में हुई भारी बारिश, कई इलाके डूबे
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 03, 2025, 13:34 IST
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