Ujjain News: भस्म आरती में भांग से किया श्रृंगार, मस्तक पर चंद्रमा लगाकर सजे बाबा महाकाल
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर गुरुवार तड़के भस्म आरती के दौरान, चार बजे मंदिर के पट खुलते ही पंडा-पुजारियों ने गर्भगृह में स्थापित सभी भगवान की प्रतिमाओं का पूजन कर भगवान महाकाल का जलाभिषेक दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से बने पंचामृत से किया। इसके बाद प्रथम घंटाल बजाकर हरि ओम का जल अर्पित किया गया। कपूर आरती के बाद बाबा महाकाल को चांदी का मुकुट, रुद्राक्ष और नोटों की माला धारण करवाई गई। ये भी पढ़ें:एक करोड़ की मदद नहीं ले पाए अनाथ बच्चे, बैंक वेरिफिकेशन रुका, मदद हुई वापस श्रृंगार की विशेष बात यह रही कि भस्म आरती में गुरुवार के संयोग पर बाबा महाकाल मस्तक पर चंद्रमा लगाकर श्रृंगारित हुए। श्रृंगार के बाद बाबा महाकाल को महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा भस्म रमाई गई फिर कपूर आरती की गई और भोग अर्पित किया गया। भस्म आरती में बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया और उनकी भक्ति में लीन होकर 'जय श्री महाकाल' का उद्घोष भी किया। भस्म आरती के समय महिला भक्तों को करना पड़ता है घूंघट द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकाल की भस्म आरती दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इसमें शामिल होना हर भक्त का सपना होता है, लेकिन इस मंदिर की कुछ परंपराएं आपको हैरान कर सकती हैं। इन्हीं में से एक परंपरा के अनुसार, भस्म आरती के समय महिला भक्तों को घूंघट करना पड़ता है। आइए जानते हैं, क्या है इसका कारण है मान्यता के अनुसार, भस्म आरती के समय महाकाल निराकार से साकार रूप धारण करते हैं और उनका भस्म से स्नान होता है। इस दौरान उनका अभ्यंग स्नान होता है, जिसके कारण महिलाओं के खुले दर्शन पर रोक है। इसे मंगला आरती के नाम से भी जाना जाता है। यह भस्म संसार के नाशवान होने का संदेश देती है। भस्म अर्पण के समय पाँच मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जबकि आरती दीपक की ज्योति से होती है। देखें तस्वीरें
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 10, 2025, 07:41 IST
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