BFI Elections:  भारतीय मुक्केबाजी महासंघ चुनावों के लिए तैयार, महीनों की उथल-पुथल के बाद अब होगा फैसला

प्रशासनिक मुद्दों और आंतरिक सत्ता संघर्ष के कारण महीनों से चली आ रही अनिश्चितता का अंत बृहस्पतिवार को भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) के बहुप्रतीक्षित चुनावों के साथ होने वाला है। उम्मीद यही है कि आखिरकार रिंग के अंदर की गतिविधियां फिर से सुर्खियों में आ जाएंगी। दो बार अध्यक्ष रहे अजय सिंह लगातार तीसरी बार अध्यक्ष बनने की कोशिश में हैं। स्पाइसजेट के प्रबंध निदेशक अजय सिंह पिछले पदाधिकारियों का कार्यकाल दो फरवरी को समाप्त होने के बाद भी भारतीय मुक्केबाजी में केंद्रीय व्यक्ति बने हुए हैं। इस महीने की शुरुआत तक वह विश्व मुक्केबाजी द्वारा नियुक्त अंतरिम समिति के भी अध्यक्ष थे जो बीएफआई के दैनिक कामकाज का संचालन कर रही थी। इस व्यवस्था को नवगठित विश्व संस्था पर उनके प्रभाव का संकेत माना जा रहा है। इस दौरान पुरुष और महिला टीम के लिए नए कोच नियुक्त किए गए, संविधान में संशोधन किया गया और विवादास्पद चयन मूल्यांकन प्रक्रिया में भी बदलाव किया गया। राष्ट्रीय शिविर चयन के लिए एक संशोधित प्रणाली भी लागू है। दिलचस्प बात यह है कि अजय सिंह की अध्यक्षता वाली अंतरिम समिति ने केरल राज्य इकाई के प्रमुख डी चंद्रलाल को महिला टीम का मुख्य कोच नियुक्त किया है जो मार्च में संभावित चुनावों के दौरान अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों में से एक थे। इस महीने की शुरुआत में अंतरिम समिति ने चुनावों से पहले पूर्व महासचिव हेमंत कलिता का निलंबन भी हटा दिया था। चंद्रलाल और कलिता दोनों ही चुनावों में मतदान करेंगे, लेकिन समिति की वैधता सवालों के घेरे में रही है। भारतीय ओलंपिक संघ के फेक्ट फाइंडिंग आयोग ने राष्ट्रीय खेल संहिता 2011 के उल्लंघन के कारण इसे बर्खास्त करने की सिफारिश की थी। इसके अतिरिक्त कई राज्य इकाइयों ने भी अंतरिम संस्था द्वारा पेश किए गए संवैधानिक संशोधनों के खिलाफ कानूनी कदम उठाया है। हालांकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने चुनाव कराने की अनुमति दे दी है लेकिन उसने परिणामों को चल रहे मामले के अंतिम परिणाम के अधीन कर दिया है। अजय सिंह के एकमात्र प्रतिद्वंद्वी 1984 के ओलंपियन और सिक्किम राज्य इकाई के प्रमुख जसलाल प्रधान हैं जिन्हें हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और दिल्ली इकाइयों वाले प्रतिद्वंद्वी गुट का समर्थन मिलने की उम्मीद है। इस गुट ने अजय सिंह पर महासंघ को निरंकुश तरीके से चलाने का आरोप लगाया है और बीएफआई कार्यकारी समिति से परामर्श किए बिना विदेशी कोच की नियुक्ति जैसे फैसलों की ओर इशारा किया है। चुनाव मूल रूप से 28 मार्च के लिए निर्धारित थे लेकिन याचिकाओं, अपीलों और प्रति-अपीलों की बौछार के कारण स्थगित कर दिए गए थे। लगभग छह महीने बाद आखिरकार चुनाव होंगे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 21, 2025, 08:55 IST
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