Bhai Dooj 2025: भाई दूज क्यों मनाते हैं? पढ़ें यम और यमुना से जुड़ी पौराणिक कथा

Bhai Dooj Katha: दिवाली के तीसरे दिन मनाया जाने वाला भाई दूज, भाई-बहन के प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इस पर्व को भारत के विभिन्न हिस्सों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है, जैसे भैया दूज, भाऊ बीज, भात्र द्वितीया और यम द्वितीया। इस दिन बहनें व्रत रखती हैं, अपने भाइयों को तिलक कर उनकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। साथ ही उन्हें मिठाई खिलाकर उपहारों का आदान-प्रदान होता है, जिससे आपसी स्नेह और भी गहरा होता है। भाई दूज का यह त्योहार सिर्फ एक पारिवारिक परंपरा नहीं, बल्कि एक पौराणिक कथा से भी जुड़ा है। मृत्यु के देवता यमराज और उनकी बहन यमुना के प्रेम से जुड़ी इस कथा में बताया गया है कि कैसे यमराज अपनी बहन के आग्रह पर उसके घर भोजन करने गए और प्रसन्न होकर उसे यह वरदान दिया कि जो भाई इस दिन अपनी बहन के हाथों तिलक करवाएगा, उसे यमलोक का भय नहीं रहेगा। तभी से यह परंपरा शुरू हुई और आज भी पूरे श्रद्धा भाव से निभाई जाती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 21, 2025, 14:24 IST
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