Kurukshetra News: कपास पर आयात शुल्क हटाने का किया विरोध

कुरुक्षेत्र। केंद्र सरकार की ओर से कपास पर 11 फीसदी आयात शुल्क समाप्त करने के फैसले से देशभर के कपास किसानों में आक्रोश पनप रहा है। इस निर्णय के तुरंत बाद कॉटन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने दो दिनों में ही कपास के दामों में 1,100 रुपये प्रति कैंडी की कटौती कर दी है। सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया तो भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) देशव्यापी आंदोलन शुरू करेगी। इसके लिए 28 को भिवानी में एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है जिसमें आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। भाकियू अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने यहां जारी बयान में कहा कि यह लड़ाई सिर्फ कपास किसानों की नहीं बल्कि पूरे कृषि समुदाय के भविष्य की है। किसानों को बर्बाद करने वाले किसी भी फैसले को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि मांगें नहीं मानी गईं तो सड़क से संसद तक संघर्ष होगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला टेक्सटाइल उद्योग को लाभ पहुंचाने और अमेरिका के दबाव में लिया गया है जबकि इसका खामियाजा भारत के कपास किसानों को भुगतना पड़ेगा। अमेरिका भारत का दूसरा सबसे बड़ा कपास निर्यातक है और अब भारतीय बाजार में बाढ़ की तरह अमेरिकी कॉटन आएगा जिससे घरेलू कीमतें और नीचे गिरेंगी। उन्होंने कहा कि कपास की भारत में कपास की खेती लगातार घट रही है। साल 2024 से 25 में आयात 107 फीसदी की बढ़तोरी हुई जिस कारण से उत्पादन 390 लाख गांठ से घटकर 300 लाख गांठ पर आ गया है। खरीफ सीजन में कपास का रकबा 3.24 लाख हेक्टेयर घटा (पिछले साल से 2.91 फीसदी कम)। जो किसान और व्यापारी सीसीआई से ऊंचे दामों पर स्टॉक कर चुके हैं, वे बर्बाद हो जाएंगे। नई फसल के दाम भी दबाव में रहेंगे, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा। संवाद

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 23, 2025, 01:18 IST
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