भवानीप्रसाद मिश्र: आसमान जैसा दिखता है वैसा नहीं है

आसमान जैसा दिखता है वैसा नहीं है और न धरती जैसी दिखती है वैसी है ठीक नहीं कह सकता कोई वह कैसा है यह कैसी है मगर फिर भी अंधी आँखों बहरे कानों हमें सब कुछ देखना-सुनना पड़ता है ग़लत देखे–सुने में से बेकाम का ही सही कुछ चुनना पड़ता है। हमारे यूट्यूब चैनल कोSubscribeकरें।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 03, 2025, 16:27 IST
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