भिलंगना ब्लॉक : दो माह में तीसरी गर्भवती महिला की मौत
बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं पर फूटा लोगों का रोषसीएचसी बेलेश्वर रेफर सेंटर बनकर रह गया घनसाली (टिहरी)। भिलंगना ब्लॉक में बदहाल स्वास्थ्य सेवाएं गर्भवती महिलाओं की जान पर भारी पड़ रही है। दो माह में ही 18 नवंबर को तीसरी गर्भवती महिला की मौत ने खराब स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोल दी है। गांव से महज एक किमी दूर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बेलेश्वर से रेफर की गई महिला की फकोट में ही मौत हो गई। घटना के बाद श्रीकोट गांव में शोक पसरा है। क्षेत्र में लगातार हुई घटना के बाद भी अस्पताल रेफर सेंटर बने हुए हैं। इस लापरवाही पर क्षेत्र के लोगों में रोष है।भिलंगना ब्लॉक में दो माह में मंगलवार दोपहर को एक और गर्भवती महिला की मौत हो गई। गांव से एक किमी दूर सीएचसी बेलेश्वर में महिला को उपचार नहीं मिल पाया। गांव से अस्पताल पहुंची महिला को प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया था। श्रीकोट (चमियाला) के प्रधान दिनेश सिंह रावत ने बताया कि मंगलवार 18 नवंबर की सुबह करीब साढ़े सात बजे सास पवित्रा देवी अपनी आठ माह की गर्भवती बहू नीतू पंवार (24) पत्नी दीपक पंवार के कमरे में गई।इस दौरान नीतू ने बताया कि उसके हाथ-पैर काम नहीं कर रहे हैं। सास ने परिवार में अन्य लोगाें को बताया। मौके पर पहुंचे गांव के लोगों ने गर्भवती को अस्पताल ले जाने की सलाह दी। गांव से पैदल रास्ता होने के कारण ग्रामीणों ने सीएचसी बेलेश्वर से स्ट्रेचर मंगा कर उसे सड़क तक पहुंचाया। करीब नौ बजे गर्भवती को अस्पताल पहुंचाया गया। वहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। प्रधान ने बताया कि 108 सेवा देर से पहुंचने की आशंका पर गर्भवती को निजी वाहन से देहरादून ले जा रहे थे लेकिन ताछिला के पास गर्भवती नीतू की मौत हो गई। इसके बाद सभी लोग लौट आए। प्रधान ने बताया कि गर्भवती का शव सीएचसी में रखा गया है। वहां बड़ी संख्या में एकत्रित लोगों ने स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति पर कड़ा रोष जताते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। भिलंगना ब्लॉक में श्रीकोट गांव की गर्भवती नीतू को सीएचसी बेलेश्वर में प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर किया गया था लेकिन ताछिला के पास उसकी मौत हो गई। प्राथमिक जांच में पता चला है कि उसका बीपी काफी ज्यादा बढ़ गया था। घटना की विस्तृत जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम गठित कर एक सप्ताह में रिपोर्ट तलब की गई है। गर्भावस्था के दौरान सभी जांच जरूरी करानी जानी चाहिए।- डॉ. श्याम विजय, सीएमओ टिहरी। बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति भिलंगना में रोषघनसाली। भिलंगना ब्लॉक में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग भी अपने स्तर से व्यवस्था बनाने में जुटा है। बावजूद हालात नहीं सुधर पा रहे हैं। दो माह में ही तीन गर्भवती महिलाओं की मौत से भिलंगना में खराब स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति लोगों में गुस्सा है। बीते सितंबर में पीएचसी पिलखी में बच्चे को जन्म देने के बाद अनीसा रावत (21) की तबियत बिगड़ने पर उसे देहरादून ले गए थे लेकिन वहां उपचार के दौरान 15 सितंबर को उसकी मौत हो गई। घटना के कुछ दिनों बाद ही 23 अक्तूबर को पिलखी अस्पताल में भर्ती गर्भवती रवीना कठैत (22) ने एक बच्चे को जन्म दिया। उसके बाद तबीयत खराब होने पर परिजन उसे उपचार के लिए श्रीनगर ले गए थे लेकिन दो दिन बाद ही रवीना की भी मौत हो गई थी। मंगलवार 18 नवंबर को वहां तीसरी घटना हो गई। मृतका नीतू के ससुर सोबन सिंह पंवार ने कहा कि सीएचसी बेलेश्वर में तैनात डॉक्टर ने गर्भवती का ब्लड प्रेशर हाई बताया लेकिन वह उसका बीपी कंट्रोल नहीं कर पाए। इससे ऋषिकेश अस्पताल पहुंचने से पहले उसने दम तोड़ दिया। उन्होंने कहा कि सीएचसी में कोई भी डॉक्टर व अन्य स्टाफ अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए मरीजों को रेफर कर देते हैं। यहां अस्पताल में लंबे समय से यही स्थिति बनी हुई है। घनसाली विधायक शक्तिलाल शाह जब पीएचसी पिलखी अस्पताल के सीएचसी में उच्चीकरण हाेने की सूचना दे रहे थे। उसी दौरान क्षेत्र में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं के कारण एक और गर्भवती महिला की मौत हो गई। संवाद
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 18, 2025, 16:43 IST
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