Bhopal News: जिंदगी रुकी, पर उम्मीद चलती रही, एम्स भोपाल में ब्रेन डेड युवक बना पांच लोगों का सहारा

रविवार तड़के एम्स भोपाल के ऑपरेशन थिएटरों में वो दृश्य था, जिसने जीवनदान के अर्थ को फिर से परिभाषित कर दिया। सुबह एक साथ तीन ओटी में डॉक्टरों की टीमें सक्रिय थीं। एक तरफ 37 वर्षीय ब्रेन डेड युवक के अंगों को निकालने की प्रक्रिया चल रही थी, तो दूसरी ओर दूसरे ओटी में वही दिल और किडनियां तीन मरीजों में नई उम्मीद बनकर धड़कने जा रही थीं। यहां 37 वर्षीय ब्रेन डेड युवक के हार्ट, दोनों किडनी और दो कॉर्निया दान किए जाने से पांच लोगों को नया जीवन मिला। यह एम्स भोपाल के इतिहास में तीसरा हार्ट ट्रांसप्लांट और 16वां किडनी प्रत्यारोपण था।अंगदान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अंगदाता को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई दी गई। एक दिल, दो नई धड़कनें और उम्मीद की लौ मरीज के हार्ट और दोनों किडनी का सफल प्रत्यारोपण किया गया। दिल 40 वर्षीय महिला के सीने में अब जीवन की लय बनकर धड़क रहा है, जबकि एक किडनी एम्स भोपाल में और दूसरी किडनी बंसल अस्पताल के मरीज को प्रत्यारोपित की गई। ऑर्गन को सुरक्षित समय पर निजी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए शहर में ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया, जिससे ट्रैफिक रोके बिना ट्रांसप्लांट प्रक्रिया समय पर पूरी हो सकी। ओटी में ही हुआ पोस्टमार्टम मामला मेडिकोलीगल प्रकृति का होने के कारण मृत्यु के कारण की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम आवश्यक था। एम्स भोपाल के इतिहास में यह दूसरा अवसर रहा जब पोस्टमार्टम की प्रक्रिया सीधे ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में की गई। इससे अंग निष्कर्षण समय पर और विधिसम्मत ढंग से पूरा हो सका यह एम्स की तकनीकी क्षमता और समन्वय की बड़ी उपलब्धि रही। यह भी पढ़ें-मौसम का मूड बदला भोपाल में बादल छाए, उज्जैन-सागर में हुई तेज बारिश, अगले तीन दिन तक रहेगा असर ब्रेन डेड घोषित होते ही शुरू हुई प्रक्रिया युवक कुछ दिन पहले सिर में गंभीर चोट लगने के बाद एम्स में भर्ती था। इलाज के दौरान उसका ब्रेन रिस्पॉन्स पूरी तरह बंद हो गया। परिजनों की सहमति मिलने के बाद डॉक्टरों ने नियमानुसार छह घंटे के अंतराल पर सभी चिकित्सकीय जांचें कीं पुतली, कॉर्नियल, कफ, गग, ऑकुलोवेस्टिब्युलर और एपनिया टेस्ट। सभी रिफ्लेक्स अनुपस्थित मिलने के बाद शनिवार देर रात उसे ब्रेन डेड घोषित किया गया। एम्स में एक तरफ हार्ट ट्रांसप्लांट की जटिल सर्जरी चली, वहीं दूसरे ओटी में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ। राज्य सरकार ने हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए आर्थिक सहायता स्वरूप 5 लाख रुपए स्वीकृत किए हैं। तीसरा ट्रांसप्लांट बंसल अस्पताल में किया गया। नींद में बिस्तर से गिर गया युवक अंगदाता का भाई भारत पाटिल के अनुसार उनका भाई नींद में बिस्तर से गिर गया था, जिससे उसके सिर पर गंभीर चोट आ गई। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया। यह घटना दिवाली के दो दिन बाद की है। भारत पाटिल ने कहा कि भाई तो चला गया, लेकिन उसने अपने अंग दान कर किसी और को नई जिंदगी दे दी। मृतक के पीछे उनकी पत्नी और दो नन्ही बेटियां हैं। परिवार ने सरकार से आर्थिक सहायता की मांग की है ताकि वे आगे का जीवन संभाल सकें। यह भी पढ़ें-MPT में 80 लाख की खरीदी घोटाला, क्षेत्रीय प्रबंधक और इकाई प्रभारी निलंबित,MD बोले-कंपनी पर करेंगे FIR भोपाल बन रहा ऑर्गन डोनेशन का केंद्र राजधानी के दो प्रमुख सरकारी संस्थान एम्स और हमीदिया अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट का दायरा तेजी से बढ़ा है। एम्स में अब तक 11 ट्रांसप्लांट हुए हैं, जिनमें से तीन कैडेवरिक (ब्रेन डेड मरीजों से) रहे हैं। गांधी मेडिकल कॉलेज में 10 लाइव ट्रांसप्लांट किए गए हैं। बंसल अस्पताल अब तक 400 से अधिक किडनी ट्रांसप्लांट कर चुका है। इस तरह भोपाल प्रदेश में अग्रणी है, हालांकि देश के शीर्ष 10 राज्यों में अब भी शामिल नहीं हो सका है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 26, 2025, 14:44 IST
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