Bhopal News: मंडी बोर्ड में 1500 करोड़ के कर्ज का विरोध, पूर्व केंद्रीय मंत्री यादव बोले- भावांतर योजना फ्लॉप

पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव ने आज राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसानों की समस्याओं और मंडी बोर्ड की वित्तीय स्थिति को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रदेश की मंडियां और किसान सरकारी नीतियों के कारण भयावह संकट में हैं और सरकार ठेकेदारों और व्यापारियों के हित में काम कर रही है। यादव ने बताया कि किसानों की एमएसपी (Minimum Support Price) की मांग को लेकर दिल्ली में 8 महीने तक आंदोलन चला, लेकिन प्रदेश में अब तक किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा। सोयाबीन का समर्थन मूल्य 5300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया, लेकिन मंडियों में किसानों को केवल 3500 रुपये में फसल बेचनी पड़ रही है। मक्का सहित अन्य फसलों का भी उचित दाम नहीं मिल रहा है। भावांतर योजना से बढ़ा संकट पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भावांतर योजना पूरी तरह फ्लॉप साबित हो चुकी है। इसके बावजूद सरकार इसे लागू करने पर तुली हुई है। योजना के लिए मंडी बोर्ड को 1500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त लोन दिलाया जा रहा है, जबकि मंडी बोर्ड पहले से ही लगभग 1700 करोड़ रुपये के बकाया में है। कर्मचारियों को वेतन और पेंशन समय पर नहीं मिल पा रही हैं। सरकार किसानों को भुगतान करना चाहती है, तो खुद लोन ले यादव ने कहा कि मंडी बोर्ड एक स्वायत्त संस्था है। यदि सरकार किसानों को भुगतान करना चाहती है, तो खुद लोन ले और भुगतान करे। मंडी बोर्ड को और कर्ज में डालना उसकी समाप्ति की पटकथा है। उन्होंने यह भी बताया कि 259 मंडियों में से लगभग 150 मंडियों में सचिव तक नहीं हैं, और एक सचिव को 4-5 मंडियों का प्रभार दिया गया है, जिनकी औसत दूरी 100 किलोमीटर है। यह भी पढ़ें-जिंदगी रुकी, पर उम्मीद चलती रही, एम्स भोपाल में ब्रेन डेड युवक बना पांच लोगों का सहारा सरकार पर गंभीर आरोप अरुण यादव ने सरकार पर सवाल उठाए कि क्या मुख्यमंत्री मोहन यादव मंडी बोर्ड को जानबूझकर कर्ज में डुबोकर राज्य की मंडियों को गिरवी रख रहे हैं, ताकि निजी ठेकेदार और बैंक लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि जब सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने खुद भावांतर योजना का विरोध किया था, तब इसे लागू करने और कर्ज लेने की क्या आवश्यकता है। उन्होंने किसानों की खाली जेबों पर 'भावांतर उत्सव' आयोजित करने की भी निंदा की और कहा कि यह योजना केवल व्यापारियों के और राजनीतिक चंदे के लिए है, किसानों के लिए नहीं। यह भी पढ़ें-शिवपुरी के डॉ. अजय खेमरिया बने दिव्यांगजन आयुक्त, मंगलम संस्था के है संचालक कांग्रेस की मांगें यादव ने सरकार से फौरन एमएसपी लागू करने, मंडी बोर्ड को बचाने और किसानों के हित में नीतियां अपनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों से प्रदेश की मंडियां बंद पड़ी हैं। बुरहानपुर में केले के किसान परेशान हैं क्योंकि उन्हें उचित दाम नहीं मिल रहे और फसल बीमा की सुविधा भी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और प्रदेश सरकार से तत्काल कदम उठाने की उम्मीद करती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 26, 2025, 16:33 IST
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