आजादी के बाद का बिहार: कभी 13 विधायक वाले दल के नेता बने बिहार के सीएम, कोई महज 50 दिन ही रहा मुख्यमंत्री

बिहार की राजनीति हमेशा से दिलचस्पी पैदा करने वाली रही है। फिर चाहे वह आजादी के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार का शासन होया फिर जनता दल के बढ़ते वर्चस्वकी कहानीऔर या फिर लालू प्रसाद यादव और इसके बाद नीतीश कुमार के राजनीतिक पटल पर छा जाने की दास्तां। बिहार हमेशा से राजनीतिक हलचल का केंद्र रहा है। यह हलचल राज्य में उस दौरान भी दिखी, जब आजादी के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी। इतना ही नहीं जब 1967 में पहली बार कांग्रेस की सरकार गिरी तो राज्य की राजनीति इतनी दिलचस्प हो गई कि अगले 10 साल तक कोई मुख्यमंत्री तीन साल भी शासन पूरा नहीं कर पाया। इनमें कोई नेता सिर्फ 16 विधायकों के साथ मुख्यमंत्री बन गया, तो कोई महज 4 दिन ही सीएम रह पाया। ऐसे में बिहार की राजनीति के उस दौर के बारे में जानना काफी अहम है। 1946 यानी आजादी के पहले अंतरिम मुख्यमंत्री बनाए गए श्री कृष्ण सिन्हा के 15 साल बिहार के मुख्यमंत्री बने रहने के बाद कैसे कांग्रेस ने महज छह साल में तीन मुख्यमंत्री बदल दिए 1967 में कांग्रेस की सरकार गिरने के बाद आखिर क्यों 16 विधायक वाले एक नेता को बिहार का मुख्यमंत्री बनने का मौका मिल गया इसके अलावा कौन से नेता महज 50 दिन के लिए ही बिहार के सीएम रह पाए क्यों 1967 से लेकर 1971 तक राज्य में तीन बार राष्ट्रपति शासन लगाने की नौबत आ गई आइये जानते हैं Bihar From 2005 to 2020: 20 साल से बिहार की सत्ता का पर्याय हैं नीतीश, ये है बीते पांच विधानसभा चुनाव की कहानी

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 06, 2025, 17:47 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




आजादी के बाद का बिहार: कभी 13 विधायक वाले दल के नेता बने बिहार के सीएम, कोई महज 50 दिन ही रहा मुख्यमंत्री #IndiaNews #National #BiharElections #BiharAssemblyElection2025 #BiharElection2025 #PartyPolitics #BiharChiefMinisters #IndiaIndependence #Congress #SamyuktaSocialistParty #SubahSamachar