Alok Mehta : पूर्व मंत्री आलोक मेहता की बहन सुहेली मेहता भी राजनीति में; जानिए, किसके साथ थीं और अब कहां
राष्ट्रीय जनता दल के विधायक और राज्य के पूर्व मंत्री आलोक मेहता पर बैंकिंग हेरफेर कर काला धन जुटाने का आरोप है। प्रवर्तन निदेशालय की टीम बिहार से लेकर दिल्ली तक 18-19 जगहों पर छापेमारी कर रही है। शुक्रवार सुबह इस छापेमारी से राजनीतिक हलके में सनसनी फैल गई। आलोक मेहता राजद विधायक हैं, लेकिन सनसनी भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय तक भी पहुंची। वजह यह कि आलोक मेहता की बहन सुहेली मेहता करीब डेढ़ साल पहले भाजपा आ गई थीं। खास बात यह है कि लंबे अरसे से भाई-बहन अलग-अलग सिरे रहे हैं। साथ नहीं चले हैं। सीएम नीतीश कुमार की टीम का महिला चेहरा थीं सुहेली आलोक मेहता और सुहेली मेहता बिहार के उच्च शिक्षितराजनेताओं में हैं। सुहेली मेहता प्रोफेसर हैं। शिक्षाविद् के रूप में चर्चित होने के बाद राजनीति में भी तब चर्चा में आईं, जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाईटेड ने महिलाओं को आगे बढ़ाना शुरू किया। लव-कुश, यानी कुर्मी-कोइरी की पार्टी कहे जाने वाले जदयू में सुहेली मेहता महिला कुशवाहा चेहरा रहीं। वह लंबे समय तक जदयू में रहीं, लेकिन मई 2023 में उनका मोहभंग हो गया। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर महिलाओं की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए जदयू से नाता तोड़ लिया था। इसके तीन दिन बाद 12 मई 2023 को प्रो. सुहेली मेहता ने तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी। आरसीपी सिंह और सुहेली मेहता को भाजपा ने लाया था साथ 2020 विधानसभा चुनाव के बाद सरकार बनाने वाली भाजपा को छोड़ नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ चले गए थे। जनवरी 2024 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में उनकी वापसी से पहले भाजपा जब सीधे-सीधे मुख्यमंत्री से टक्कर ले रही थी तो जदयू के लव-कुश समीकरण को साधने के लिए ही सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था। इसके साथ हीजदयू के दो बड़े चेहरे को भाजपा ने अपनी पार्टी की सदस्यता दिलाई थी।इनमें सबसे बड़ा नाम जदयू का बड़ा नेटवर्क खड़ा करने वाले नीतीश कुमार के पुराने विश्वासीआरसीपी सिंह थे। आरसीपी केंद्र सरकार में मंत्री बने थे, जिसके बाद नीतीश कुमार से दूर होते-होते आखिरकार जदयू से ही कट गए। वहकुर्मी समाज से आते हैं। भाजपा ने तब कुर्मी जाति के बड़े चेहरेआरसीपी सिंह को साथ लाया और फिर कोइरी में महिला जदयू के बड़े चेहरेसुहेली मेहता को। दोनों के भाजपा में आने से जदयू केलव-कुश वोटबैंक में सेंधमारी की योजना थी, लेकिन जनवरी में नीतीश कुमार वापस भाजपा के साथ आ गए। इसके बाद से आरसीपी सिंह ठगा महसूस करते हुए किनारे हो गए, हालांकिसुहेली मेहता अभी कायम हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 10, 2025, 11:03 IST
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