Bihar: चोरी की तीन माह तक प्राथमिकी नहीं, तस्करी में पकड़ाई बाइक तो पीड़ित को ही धमकाया; फिर बचाव में किया केस
सुपौल के राघोपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत देवीपुर पंचायत के जहलीपट्टी से 11 मई को हुई बाइक चोरी मामले में तीन सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई है। पीड़ित ने तब शिकायत की थी। इसकी रिसीविंग भी है, लेकिन पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज नहीं की। पिछले 15 अगस्त को चोरी हुई इसी बाइक पर सवार दो युवकों को पुलिस ने 239 बोतल शराब के साथ पकड़ा था। इसके बाद पुलिस ने 03 सितंबर को वाहन मालिक के घर दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर जेल भेजने की धमकी दे दी। जब उसने थाने में 15 मई की आवेदन प्राप्ति की प्रति दिखाई तो मामला पुलिस के लिए ही गले की हड्डी बन गई। आनन-फानन में पुलिस ने पीड़ित से दोबारा आवेदन लिखवाया और प्राथमिकी दर्ज कर ली। दरअसल, राघोपुर के नारायणपुर गांव निवासी मिथलेश कुमार ने बीते 11 मई को दौलतपुर निवासी एक व्यक्ति के शादी समारोह में अपनी बाइक (बीआर 50एई 6448) से बारात में जहलीपट्टी गांव गए थे। इसी दौरान बाइक की चाबी गुम हो गई। अगले दिन घर से बाइक की दूसरी चाबी लेकर लौटे तो गाड़ी नदारद थी। पीड़ित के अनुसार लोगों से जानकारी मिली कि बारात में आए प्रतापगंज के श्रीपुर गांव निवासी महेंद्र मुखिया के पुत्र मनीष कुमार मुखिया और सितभर निवासी परमानंद यादव के पुत्र अखिलेश कुमार उनकी बाइक चोरी कर ले गए। इसके बाद पीड़ित ने थाने में आवेदन दिया। 15 मई को पुलिस ने उनसे टाइप किया आवेदन मांगा और इसकी प्राप्ति भी दे दी। लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की। केस के लिए पुलिस पर 5 हजार रुपए रिश्वत मांगने का आरोप पीड़ित की मानें तो आवेदन प्राप्ति के बाद भी वह प्राथमिकी के लिए कई बार थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस बहाने बनाती रही। इस बीच 10 जून को उसने कुछ जनप्रतिनिधि से पैरवी कराई और थानाध्यक्ष से मिलने पहुंचा। काफी प्रयास के बाद मिलने पर उसने थानाध्यक्ष को बताया कि चोरी की गई बाइक आवेदन में वर्णित आरोपियों के पास ही है। तब थानाध्यक्ष ने उसे फटकार लगाई और पुलिस की एक गश्ती गाड़ी को बताए गए स्थल पर जाने को कहा। लेकिन उस गश्ती गाड़ी के निजी चालक ने 5 हजार रुपए रिश्वत की मांग की। पीड़ित ने रुपए देने से इनकार कर दिया। हालांकि गश्ती में मौजूद पुलिस अधिकारी आरोपी के घर गए और आरोपी के पिता से मिलकर दोनों आरोपी को थाना भेजने की बात कह थाना लौट गए। उसके बाद भी पीड़ित थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई। चोरी की बाइक से बरामद हुआ देसी शराब, दो धराए इस बीच चोरी होने के करीब 3 महीने बाद बीते 15 अगस्त को राघोपुर पुलिस ने उसी बाइक पर लदी 239 बोतल नेपाली देसी शराब के साथ दो तस्करों को राधानगर भिसी चौक के पास से गिरफ्तार किया। बाइक व शराब सहित तस्करों को थाना लाया गया। जहां दोनों शराब तस्कर श्रीपुर निवासी सुशील कुमार और राधानगर निवासी निखिल कुमार के विरुद्ध थाना कांड संख्या 330/25 दर्ज किया गया। इसके बाद पुलिस ने बाइक मालिक की गिरफ्तारी के लिए कार्रवाई शुरु कर दी। इसकी जानकारी जब बाइक मालिक को मिली तो उन्होंने थाना से संपर्क किया। लेकिन राघोपुर थाना के पुलिस अधिकारी उसे ही जेल भेजने की धमकी देने लगे। जब उन्होंने थाना में दिए आवेदन की प्राप्ति कॉपी दिखाई तो पुलिस को अपनी गलती का एहसास हुआ। इसके बाद विभागीय कार्रवाई से बचने के लिए तत्काल पीड़ित से दूसरा आवेदन लिया गया और 03 सितंबर को बाइक चोरी मामले में थाना कांड संख्या 349/25 दर्ज कर लिया गया। तीन महीने बाद प्राथमिकी दर्ज होना बहुत ही गलत वीरपुर एसडीपीओ सुरेंद्र कुमार ने भी पहले मामले से किनारा करने का प्रयास किया। बाद में बताया कि तीन महीने बाद प्राथमिकी दर्ज होना बहुत ही गलत है। मामले में उसी समय एफआईआर होनी चाहिए थी। वैसे इस केस के अनुसंधानकर्ता सर्किल इंस्पेक्टर हैं, उनको ही आगे की कार्रवाई करनी है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 06, 2025, 22:40 IST
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