H-1B Visa Issue: 'प्रतिभा पर रोक लगाने वाले देश भविष्य में घाटे में रहेंगे', बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पेशेवरों के सीमा पार प्रवाह में बहुत अधिक बाधाएं पैदा करने वाले देश भविष्य में कुल मिलाकर घाटे में रहेंगे। उन्होंने कहा, भारत को अन्य देशों को यह विश्वास दिलाना होगा कि प्रतिभा का उपयोग पारस्परिक लाभ के लिए है। गतिशीलता पर आयोजित सम्मेलन, इंडियाज वर्ल्ड एनुअल कॉन्क्लेव-2025 में उन्होंने यह बात कही। विदेश मंत्री की यह टिप्पणी ट्रंप प्रशासन की ओर से आव्रजन पर की गई कार्रवाई और एच-1बी वीजा पर नए शुल्क लगाने के फैसले से उपजी चिंताओं की पृष्ठभूमि में आई। जयशंकर ने कहा, अगर वे प्रतिभा के प्रवाह में बहुत अधिक बाधाएं खड़ी करते हैं तो वे कुल मिलाकर घाटे में होंगे। खासकर अगर आप उन्नत विनिर्माण के युग में प्रवेश कर रहे हैं, तो आपको अधिक प्रतिभा की आवश्यकता होगी। विदेश मंत्री एच-1बी वीजा कार्यक्रम से जुड़ी चिंताओं सहित आव्रजन से जुड़े बड़े मुद्दों पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। किसी देश का नाम लिए बिना जयशंकर ने कहा, भारत को अन्य देशों को यह विश्वास दिलाना होगा कि सीमाओं के पार प्रतिभा का उपयोग हमारे पारस्परिक लाभ के लिए है। वैश्विक प्रतिभा-कौशल बाजार में हमारी प्रासंगिकता जयशंकर ने कहा हम दुनिया की आबादी का छठा हिस्सा हैंऔर जब आप युवा कामकाजी आयु वर्ग की आबादी को देखते हैं, तो हम एक निश्चित जनसांख्यिकी के वैश्विक कार्यबल का लगभग एक-चौथाई हिस्सा हैं। इसलिए, वैश्विक प्रतिभा-कौशल बाजार में हमारी प्रासंगिकता और बढ़ेगी। विदेश मंत्री ने भारतीय प्रतिभाओं के प्रवाह के मोर्चे पर पिछले दस वर्षों में हुई प्रगति पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पासपोर्ट सेवाओं के विस्तार से लेकर विदेशों में भारतीयों के लिए कल्याणकारी निधि तक, कैसे भारतीय जनसांख्यिकी आगे बढ़ रही है और दुनिया की जरूरतों को पूरा कर रही है। ये भी पढ़ें:-अब तक 14 राज्यों के राजभवन हुए लोकभवन, आज से दिल्ली का राज निवास कहलाएगा लोक निवास पासपोर्ट के लिए 468 नए केंद्र शुरू किए विदेश मंत्री ने कहा, दस साल पहले, अगर आपको पासपोर्ट चाहिए होता, तो मुझे लगता है कि भारत में 77 जगहें थीं जहां आप जा सकते थे। पिछले दस वर्षों में, हमने ऐसी 468 और जगहें जोड़ी हैं। तो यह पासपोर्ट का विस्तार है, क्योंकि पासपोर्ट ही वह जगह है जहां से आपकी अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता शुरू होती है। समस्याओं का समाधान कर रही सरकार जयशंकर ने यह भी बताया कि सरकार विदेशों में रहने वाले भारतीयों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कैसे कर रही है। उन्होंने कहा, पिछले तीन वर्षों में, केवल खाड़ी देशों में ही, हमने मदद पोर्टल का उपयोग करके 1,38,000 शिकायतों का समाधान किया है। हम भारतीय समुदाय कल्याण कोष के ढांचे के तहत भारतीयों और प्रवासी भारतीयों को भी सहायता प्रदान कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में, इस सामुदायिक कल्याण कोष से 2,38,000 लोगों को लाभ हुआ है। ये वे लोग हैं जिनके लिए हमने स्वदेश वापसी के टिकट खरीदे, जिनके विदेश में कानूनी मामले थे। कुछ मामलों में, मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार में मदद की गई। ये भी पढ़ें:इंडिगो की उड़ानों में देरी और रद्द होने की घटनाओं पर DGCA सख्त; एयरलाइन से मांगा जवाब विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से चर्चा की, अनुभव किए साझा विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 2025 बैच के भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों और दो भूटानी राजनयिकों के साथ बुधवार को बातचीत की। इस दौरान जयशंकर ने अपने राजनयिक अनुभव साझा किए और उन्हें अपने कार्यक्षेत्र के लिए कौशल और योग्यता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस बारे में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने लिखा, 2025 बैच के भारतीय विदेश सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों और दो भूटानी राजनयिकों के साथ बातचीत करके मुझे बहुत खुशी हुई। मैंने अपने राजनयिक अनुभव साझा किए और उन्हें अपने कार्यक्षेत्र के लिए कौशल और योग्यता विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 04, 2025, 01:50 IST
H-1B Visa Issue: 'प्रतिभा पर रोक लगाने वाले देश भविष्य में घाटे में रहेंगे', बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर #IndiaNews #National #SJaishankar #H-1bVisa #SubahSamachar
