BSF: पाकिस्तानी ड्रोन को लेकर बीएसएफ की जबरदस्त घेराबंदी, पड़ोसी को करारा जवाब देंगे 9 'टेक्टिक हेडक्वार्टर'
सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन को लेकर जबरदस्त घेराबंदी की योजना बनाई है। पड़ोसी मुल्क को करारा जवाब दिया जाएगा। पाकिस्तानी ड्रोन का जवाब देने के लिए 'बीएसएफ' द्वारा बॉर्डर के विभिन्न हिस्सों पर 9 टेक्टिक हेडक्वार्टर तैयार किए जा रहे हैं। ये टेक्टिक हेडक्वार्टर हेडक्वार्टर बीएसएफ के पंजाब और जम्मू फ्रंटियर में स्थापित होंगे। जिन बटालियनों पर ये हेडक्वार्टर तैयार होंगे, वहां पर कमांडेंट स्तर तक के सभी रैंकों का एक अधिकारी हर समय मौजूद रहेगा। सीमा सुरक्षा बल की संबंधित बटालियनों की 'ऑपरेशन' एवं 'इंटेलिजेंस' से जुड़ी विंग को भी 'टेक्टिक हेडक्वार्टर' पर शिफ्ट किया जाएगा। बीएसएफ के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी रेंजर्स की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए बॉर्डर पर जवानों की तैनाती बढ़ाई जा रही है। पंजाब और जम्मू क्षेत्र में सीमा के आसपास स्थित बीएसएफ की विभिन्न यूनिटों से जवानों को बॉर्डर पर तैनात कंपनी में भेजा जा रहा है। सभी टेक्टिक हेडक्वार्टर पर विशेष कंट्रोल रूम बनाए जा रहे हैं। टेक्टिक हेडक्वार्टर के लिए पंजाब फ्रंटियर की पांच बटालियनों का चयन किया जा रहा है। जम्मू फ्रंटियर की चार बटालियनों में टेक्टिक हेडक्वार्टर स्थापित होंगे। इन हेडक्वार्टरों पर ड्रोन से जुड़े तमाम तकनीकी उपकरण मुहैया कराए जा रहे हैं। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गत वर्ष 8 दिसंबर को बीएसएफ के 60वें स्थापना दिवस पर कहा था कि भारत जल्द ही अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए एक व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट तैयार करेगा। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा था कि आने वाले दिनों में मानव रहित हवाई वाहनों यानी 'ड्रोन' का खतरा गंभीर हो सकता है। लेजर से सुसज्जित 'एंटी-ड्रोन गन-माउंटेड' तंत्र के बारे में उन्होंने कहा था कि इसके प्रारंभिक नतीजे उत्साहजनक रहे हैं। पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन को निष्क्रिय करने तथा उसकी स्टार्ट लोकेशन का पता लगाने में सफलता मिल रही है। सीमा पार से आने वाले ड्रोन से निपटने के लिए डीआरडीओ के साथ मिलकर 'संपूर्ण सरकारी' दृष्टिकोण के साथ काम हो रहा है। गृह मंत्री शाह ने कहा था, हम आने वाले समय में देश के लिए एक व्यापक एंटी-ड्रोन यूनिट बनाने जा रहे हैं। शाह के दिशा निर्देशों के तहत ही अब बीएसएफ द्वारा पंजाब और जम्मू क्षेत्र के सीमावर्ती इलाकों में 9 'टेक्टिक हेडक्वार्टर' स्थापित किए जा रहे हैं। पाकिस्तान से आने वाले ड्रोन की भारत में एंट्री का रूट लाहौर से अमृतसर, नरोवाल से फिरोजपुर और बहावलनगर से श्रीगंगानगर बताया गया है। हालांकि दूसरे क्षेत्रों में ड्रोन आने के मामले सामने आए हैं। बीएसएफ ने अपनी फोरेंसिक लैब में लगभग 500 ड्रोन के लॉन्चपैड का विश्लेषण किया है। ड्रोन की चिप से उसकी स्टार्ट लोकेशन का पता चला है। दिल्ली की फोरेंसिक लैब में मार्च 2022 से जनवरी 2025 तक 300 से अधिक ड्रोन का विश्लेषण किया गया है। इसमें से सीमा सुरक्षा बल ने लगभग 284 ड्रोन मार गिराए गए थे। पंजाब के अबोहर, तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर और गुरदासपुर क्षेत्रों में पाकिस्तान से आने वाले अधिकांश ड्रोन गिराए गए हैं। यहां पर एंटी ड्रोन गन प्रभावी तरीके से काम कर रही है। इंटेलिजेंस एजेंसियों के सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान को चीन से हजारों ड्रोन की एक बड़ी खेप प्राप्त हुई है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, आईएसआई द्वारा ये ड्रोन आतंकियों, घुसपैठियों व तस्करों को मुहैया कराए गए हैं। ये ड्रोन पंजाब के सीमावर्ती गांवों के खेतों में भेजे जा रहे हैं। अधिकांश ड्रोन के साथ पीले रंग की टेप वाला एक पैकेट रहता है। उसमें हथियार या ड्रग्स के छोटे पैकेट होते हैं। हालांकि पाकिस्तान द्वारा चीन से ड्रोन की खरीद का कोई वित्तीय मेकेनिज्म नजर नहीं आता। संभव है कि दोनों मुल्कों के बीच किसी अन्य समझौते की बदौलत ये ड्रोन, पाकिस्तान में पहुंचे हों। अब एक ही दिन में पाकिस्तान द्वारा कई ड्रोन छोड़े जा रहे हैं। बीएसएफ द्वारा गिराए गए अधिकांश ड्रोन, क्वाडकोप्टर (मॉडल डीजेआई मेविक 3 क्लासिक, मेड इन चाइना) और क्वाडकोप्टर (मॉडल डीजेआई मेट्रिस 300 आरटीके, मेड इन चाइना) सीरिज के होते हैं। पाकिस्तान से आने वाले चीन निर्मित ड्रोन के सिस्टम में कई तरह के बदलाव भी किए गए हैं। बीएसएफ से बचने के लिए ड्रोन की आवाज और उसकी लाइट को बंद करने का प्रयास हुआ है। पंजाब से लगते भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर जब घना कोहरा छा जाता है, तब दर्जनों ड्रोन भेजने की कोशिश रहती है। ड्रोन की ऊंचाई ज्यादा होने, कम आवाज और ब्लिंकर बंद होने की वजह से बीएसएफ को ड्रोन गिराने में कई राउंड फायर करने पड़ते हैं। ड्रोन को जवानों के फायर से बचाने के लिए उसकी ऊंचाई बढ़ा दी जाती है। हालांकि इसके बावजूद, बीएसएफ उसे छोड़ती नहीं है। गत वर्ष बीएसएफ ने पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में जो ड्रोन गिराए हैं, उनकी ऊंचाई छह सौ फुट तक रही है। कुछ ड्रोन तो ऐसे भी मिले हैं, जिनमें 25 हजार एमएच की बैटरी लगी थी। मतलब, ऐसे ड्रोन की मदद से 20-25 किलोग्राम सामान कहीं पर पहुंचाया जा सकता है। पहले जो ड्रोन आते थे, उनकी आवाज साफ सुनाई पड़ती थी। साथ ही वह ड्रोन रात को या अल सुबह आता था। उस वक्त ड्रोन की लाइटें नजर आती थी। इससे बीएसएफ को निशाना लगाने में दिक्कत नहीं आती थी। इसके बाद ड्रोन में किए गए बदलाव के चलते बीएसएफ को हर पल सतर्कता बरतनी पड़ती है। बीएसएफ द्वारा उन सभी सीमावर्ती रास्तों पर विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जहां से तस्कर, बॉर्डर की तरफ आ सकते हैं। इसका फायदा यह रहता है कि अगर कोई ड्रोन जो बीएसएफ की नजर में नहीं आया हो, लेकिन वह कहीं आसपास ही उतरा है तो उस स्थिति में बीएसएफ की टीमें उन तस्करों को सामान सहित पकड़ सकती हैं। 2023 में बीएसएफ ने सौ से अधिक ड्रोन बरामद किए थे, जबकि पिछले साल यह संख्या दो सौ के पार पहुंच गई है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 24, 2025, 14:56 IST
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