बीयू बवाल मामला: पीडीए कार्यकर्ताओं की तलाश में जुटी पुलिस, वायरल वीडियो के साथ सीसीटीवी से कर रही शिनाख्त

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हुए बवाल के बाद आरोपी 200 अज्ञात पीडीए कार्यकर्ताओं को भी तलाशने में पुलिस जुटी है। पुलिस ने उनकी शिनाख्त के लिए बीयू से मिले सीसीटीवी कैमरे की फुटेज समेत घटना स्थल पर मौजूद लोगों के बनाए कुल 27 फुटेज कब्जे में लिया है। वहीं, रविवार को पुलिस ने इस मामले में नामजद आरोपी बॉबी यादव को भी गिरफ्तार करके उसे जेल भेज दिया। इस मामले में पूर्व मंत्री प्रदीप जैन समेत पांच नामजद अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैंं। पांच नामजद समेत नौ हो चुके गिरफ्तार शुक्रवार को सपा छात्रसभा ने बीयू प्रशासन की अनुमति पर कृषि विभाग सभागार में पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि कार्यक्रम आयोजित किया था। इस दौरान अभाविप कार्यकर्ताओं एवं सपा कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत हो गईं। अभाविप की ओर से पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता प्रदीप जैन आदित्य, पूर्व विधायक दीप नारायण यादव समेत 11 नामजद और दो सौ अज्ञात पीडीए कार्यकर्ताओं के खिलाफ दंगा भड़काने समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। शनिवार तक पुलिस पांच नामजद समेत नौ आरोपियों को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। शनिवार को पुलिस ने अलग-अलग जगहों से पांच नामजद समेत अनस खान, त्रिवेंद यादव, बॉबी यादव एवं पुष्पेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया। वायरल फुटेज और सीसीटीवी की मदद अब पुलिस अज्ञात की शिनाख्त कराने में जुटी है। रविवार को भी पुलिस ने कई सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फुटेज केे जरिये अज्ञात लोगों की शिनाख्त कराने में जुटी रही। सीओ सिटी लक्ष्मीकांत गौतम का कहना है कि अज्ञात की तलाश में सीसीटीवी कैमरों की फुटेज तलाशी जा रही है।बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में हंगामे की शुरुआत दोपहर करीब एक बजे से ही शुरू हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शी छात्रों का कहना है कि कार्यक्रम के दौरान ही एबीवीपी के कुछ कार्यकर्ताओं ने कृषि विभाग पहुंचकर हंगामा करने की कोशिश की लेकिन वहां सपा कार्यकर्ता भारी पड़े। विश्वविद्यालय गेट नंबर एक पर बड़ी संख्या में एबीवीपी कार्यकर्ता जुट गए। यहां सीसीटीवी कैमरा लगा हुआ है। दोनों दलों के कार्यकर्ताओं की हरकतें इसमें दर्ज हैं। पुलिस ने इसकी फुटेज अपने कब्जे में ले ली है। पुलिस अफसरों का कहना है कि सीसीटीवी फुटेज की मदद से सभी की पहचान की जा रही है। उधर, विपक्षी नेताओं ने भी सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जांच करने के साथ ही उसे सार्वजनिक करने की मांग की है। यह है मामला पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और सपा छात्रसभा व एनएसयूआई के कार्यकर्ता आमने- सामने आ गए थे। सेशनल परीक्षा स्थगित कर कार्यक्रम की अनुमति देने का विरोध कर रहे विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को सपाइयों ने दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। इससे विवि परिसर में भगदड़ मच गई। सूचना पर अभाविप के सैकड़ों कार्यकर्ता विश्वविद्यालय पहुंच गए। उन्होंने कार्यक्रम से लौट रहे पूर्व मंत्री प्रदीप जैन आदित्य को साढ़े तीन घंटे तक घेरे रखा। इस दौरान कुलपति के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर उनके पोस्टर पर स्याही भी फेंकी गई। करीब साढ़े चार घंटे तक चले हंगामे के बाद पुलिस प्रशासन ने किसी तरह स्थिति को संभाला। इस मामले में एबीवीपी कार्यकर्ताओं की तहरीर पर पुलिस ने पूर्व मंत्री प्रदीप जैन व पूर्व विधायक दीपनारायण सिंह यादव समेत 11 नामजद और दौ सौ अज्ञात पीडीए कार्यकर्ताओं के खिलाफ दंगा फैलाने समेत कई गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 13, 2025, 06:30 IST
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