Budh Gochar 2025: बुध का सूर्य की राशि में गोचर, जानें सिंह राशि वालों पर कैसा प्रभाव
Budh Gochar 2025: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा मिला हुआ है। बुद्धि और वाणी के कारक बुध ग्रह 30 अगस्त को शाम 04 बजकर 39 मिनट पर सूर्यदेव की राशि सिंह में प्रवेश कर चुके हैं। बुध के गोचर करने से सभी 12 राशियों के साथ-साथ देश दुनिया पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा। आइए जानते हैं बुध के गोचर का सिंह राशि के जातकों पर किसी तरह का प्रभाव देखने को मिलेगा। बुध गोचर का सिंह राशि पर प्रभाव सिंह राशि के जातकों के लिए बुध आपकी कुंडली के ग्यारहवें और दूसरे भाव के स्वामी होकर आपके पहले भाव में गोचर कर रहें हैं।। बुध ग्रह आपके लाभ भाव के स्वामी होकर पहले भाव में गोचर कर रहे हैं। बुध का गोचर आपके लिए आर्थिक और पारिवारिक मामलों में अच्छा माना जाता है। ऐसे में आपको अच्छा खासा लाभ मिलेगा। नकारात्मक प्रभावों में कमी आएगी। जो काम आपके लंबे समय तक रुके हुए थे वह पूरे होंगे। जमीन-जायदाद के मामलों में आपको अपार सफलता मिलेगी। समाज में आपके मान-सम्मान में वृद्धि देखने को मिलेगी। Chalisa Yog:बुध और मंगल ने किया चालीसा योग का निर्माण, करियर और कारोबार में इन राशियों की होगी बल्ले-बल्ले ज्योतिष में बुध ग्रह - वैदिक ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को सबसे छोटा और शुभ ग्रह माना जाता है। - सभी नवग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। - बुधदेव को वाणी, व्यापार, गणित, तर्कशास्त्र, संचार, बुद्धि और त्वचा का कारक ग्रह माना जाता है। - ज्योतिष में बुध को द्विस्वभाव का ग्रह माना जाता है। यानी बुध ग्रह जिस ग्रह के साथ होते हैं उसकी के अनुसार फल प्रदान करते हैं। - मिथुन और कन्या राशि का स्वामित्व बुध देव को प्राप्त है। - बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर शुभ फल और अशुभ ग्रहों के साथ होने पर अशुभ फल प्रदान करते हैं। अगर बुध ग्रह शुक्र,गुरु और बली चंद्रमा के साथ हों तो अच्छे फल प्रदान करते हैं। वहीं पापी ग्रहों के साथ होने पर जैसे राहु-केतु, शनि, सूर्य और मंगल तो अशुभ फल प्रदान करते हैं। - बुध सूर्य के सबसे नजदीक रहने वाले ग्रह हैं, जिस कारण से यह बार-बार अस्त हो जाते हैं। - बुध ज्येष्ठा, आश्लेषा और रेवती नक्षत्र के अधिपति ग्रह होते हैं। - कुंडली में बुध के मजबूत होने पर व्यक्ति बुद्धिमान, कूटनीतिज्ञ और राजनीति में कुशल होता है। ज्योतिष शास्त्र में बुध को ग्रहों का राजकुमार कहा जाता है। कुंडली में उनकी स्थिति व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव डालती हैं। यदि बुध जन्म कुंडली में लग्न भाव में हो, तो जातक संवाद में कुशल बनता है। इतना ही नहीं बुध के प्रभाव से व्यक्ति का व्यक्तित्व भी बढ़ता है और वह शारीरिक रूप से सुंदर बनता है। यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में बुध कमजोर होता है, तो वह अक्सर बीमारियों से घिरा रहता है। इसके अलावा जातक पाचन शक्ति कमजोर, पेट दर्द और बालों की समस्याएं भी झेलता है। वहीं कुंडली में बुध की स्थिति सही न होने पर संवाद में दिक्कतें आने लगती है, जिस कारण रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसके साथ ही व्यापार में असफलता, नौकरी में तनाव और शिक्षा के क्षेत्र में बार-बार असफलताएं मिलने लगती हैं। 22 जून को बुध करेंगे चन्द्रमा की राशि में गोचर, तीन राशियों के करियर में आ सकती हैं रुकावटें कुंडली में बुध को मजबूत करने के उपाय बुधवार को भगवान गणेश को 11 मोदक का भोग लगाएं। बुधवार के व्रत रखें। बुधवार के दिन हरि चूड़ियों का दान करें। रोजाना आप बुध स्तोत्र का पाठ करें। बुध ग्रह से जुड़े मंत्रों का 108 बार जाप करें। यदि संभव हो, तो आप पन्ना रत्न भी धारण कर सकते हैं। बुधवार के दिन हरे रंग के वस्त्र पहनें। रोजाना तुलसी को जल चढ़ाएं। बुधवार के दिन गाय को घास खिलाएं। हरी मूंग की दाल का दान करें।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 31, 2025, 18:02 IST
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