Biz Updates: आप्रवासन के कारण यूरोपीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला, यूरोपीय सेंट्रल बैंक की चीफ लगार्ड का बयान

यूरोप के केंद्रीय बैंक (ECB) की अध्यक्ष क्रिस्टीन लगार्ड का मानना है कि कोरोना महामारी के बाद यूरोप में विदेशी श्रमिकों की भागीदारी बढ़ी है। इससेमुद्रास्फीति घटाने और विकास बनाए रखने में मदद मिली है।शनिवार को लगार्ड ने अमेरिकी फेडरल रिजर्व संगोष्ठी के दौरान कहा, जर्मनी की जीडीपी 2019 की तुलना में लगभग 6% कम होती अगर विदेशी श्रमिकों का योगदान न होता। स्पेन की मजबूत आर्थिक रिकवरी भी विदेशी मज़दूरों पर निर्भर रही। लगार्ड के मुताबिक विदेशी श्रमिकों की आमद ने कंपनियों को उत्पादन बढ़ाने और महामारी के बाद मांग पूरी करने में मदद की। इससे यूरोप और अमेरिका में महंगाई नियंत्रित हुई। बकौल लगार्ड, 'बढ़ती आप्रवासन दर के कारण राजनीतिक असंतोष भी पनपा। उन्होंने कहा, श्रम की कमी दूर करने में प्रवासियों की अहम भूमिका हो सकती है, लेकिन राजनीतिक दबाव आव्रजन पर रोक लगा सकता है। इसके अलावा, वास्तविक मजदूरी में गिरावट, कंपनियों द्वारा श्रमिकों को सुरक्षित रखने की प्रवृत्ति और श्रम में बुजुर्गों की भागीदारी में वृद्धि ने भी स्थिर विकास में योगदान दिया। इससे 2022-23 में ब्याज दरें बढ़ने के बावजूद मंदी नहीं आई। 2022 में विदेशी श्रमिक EU के कार्यबल का 9 फीसदी था।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 24, 2025, 02:34 IST
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