Chaitra Mass 2025: हिंदू कैलेंडर का पहला महीना चैत्र शुरू, जानिए प्रमुख व्रत-त्योहार और खास बातें
Chaitra Mass 2025: अंग्रेजी कैलेंडर में जहां नए वर्ष की शुरुआत जनवरी माह से होती है, वहीं नया हिंदू कैलेंडर मार्च-अप्रैल में पड़ने वाले हिंदू माह चैत्र के महीने से होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र का महीना वर्ष का पहला महीना होता है। इस माह से नया विक्रम संवत शुरू हो जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सृष्टि के रचयिता भगवान ब्रह्राा ने चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को संसार का निर्माण किया था। फाल्गुन माह हिंदू वर्ष का आखिरी महीना होता है और उसके बाद चैत्र का महीना आता है। साल के पहले हिंदू माह में कई तरह के त्योहार और व्रत आते हैं जिसका धार्मिक महत्व काफी होता है। आइए जानते हैं चैत्र माह की खास बातें नया हिंदी नववर्ष विक्रम संवत् 2082 हर वर्ष चैत्र माह से नया हिंदू नववर्ष आरंभ हो जाता है। इस बार हिंदू नववर्ष की शुरुआत 30 मार्च से हो रही है। 29 मार्च को विक्रम संवत् 2081 खत्म हो जाएगा और नया विक्रम संवत् 2082 आरंभ होगा। इसी दिन से पंचांग की गणना की जाती है और व्रत-त्योहारों का निर्धारण किया जाता है। चैत्र नवरात्रि और गुड़ी पड़वा चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत होती है। इस दिन महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा के रूप में नया हिंदू वर्ष का उस्सव मनाया जाता है। चैत्र नवरात्रि पर देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा-आराधना की जाती है। गणेश चतुर्थी हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व होता है। चैत्र के महीने में दो विशेष चतुर्थी के व्रत रखे जाएंगे। पहली चतुर्थी 17 मार्च और दूसरी 01 अप्रैल को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान गणेश की पूजा-आराधना करने से सभी तरह के विध्न और बाधाएं दूर होती हैं। एकादशी व्रत हर महीने दो एकादशी तिथियां आती हैं। चैत्र माह की पहली एकादशी 25 मार्च को जबकि दूसरी 8 अप्रैल को पड़ेगी। चैत्र माह में शीतला सप्तमी और अष्टमी इस माह शीतला सप्तमी और अष्टमी के व्रत रखे जाएंगे। 21 मार्च को शीतला सप्तमी जबकि 22 मार्च को शीतला अष्टमी रखी जाएगी। जिसे बसोड़ा के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में माता को ठंडे भोजन का प्रसाद के रूप में भोग लगाया जाता है। Chaitra Navratri 2025:धन लाभ के लिए चैत्र नवरात्रि में जरूर करें ये उपाय, माता रानी होंगी प्रसन्न चैत्र अमावस्या हिंदू धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व होता है। यह तिथि पितरों को समर्पित होती है और इस दिन पितरों को तर्पण, श्राद्ध और दान-स्नान करने का विशेष महत्व होता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। राम नवमी चैत्र माह में राम नवमी का त्योहार बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। राम नवमी के पर्व को भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप मनाया जाता है। इस बार 06 अप्रैल को राम नवमी है। इस दिन भगवान श्रीराम की विशेष पूजा-आराधना और भजन-कीर्तन का महत्व होता है। हनुमान जन्मोत्सव चैत्र पूर्णिमा तिथि पर हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार हनुमान जयंती 12 अप्रैल को है। इस तिथि पर भगवान हनुमान जी के दर्शन और पूजा-अर्चना की जाती है। Chaitra Navratri 2025:इस बार कितने दिन की होगी चैत्र नवरात्रि, जानिए किस पर पर सवार होकर आएंगी माता रानी चैत्र माह का महत्व हिंदू धर्म में सभी 12 महीनों में चैत्र माह का विशेष महत्व होता है। धार्मिक मान्याताओं के अनुसार चैत्र माह से सतयुग की शुरुआत हुई थी। इस माह में भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था और सभी प्राणियों की जल प्रलय से रक्षा की थी। चैत्र माह से शीत ऋतु खत्म होती है और ग्रीष्म ऋतु की शुरुआत होती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 17, 2025, 13:21 IST
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