चंडीगढ़ में सार्वजनिक परिवहन पर संकट: सीटीयू की 100 बसें अगले दो महीने में कंडम, अब किराये के भरोसे सफर
चंडीगढ़ में सार्वजनिक परिवहन पर दोहरा संकट गहराता जा रहा है। अगले दो महीनों में सीटीयू की करीब 100 एसी और नॉन-एसी बसें कंडम हो जाएंगी, जबकि नई बसों की खरीद को अब तक केंद्र की मंजूरी नहीं मिली है। हालात संभालने के लिए विभाग फिलहाल 100 बसें दो महीने के लिए किराये पर लेने की तैयारी में है और इसकी फाइल वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी जा चुकी है। सीटीयू की डिपो नंबर-4 की करीब 100 बसें अगले दो महीनों में 15 साल की हो जाएंगी। ये बसें वर्ष 2010 में दिल्ली में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान एक स्कीम के अंतर्गत चंडीगढ़ को मिली थी। इनमें कई हरें रंग की नॉन-एसी और लाल रंग की एसी बसें हैं। ये सभी डीजल की ऑटोमेटिक डीजल बसें हैं। पुरानी होने की वजह से इनमें ब्रेकडाउन की काफी ज्यादा समस्या है। आए दिन ये बसें खराब हो रही हैं और सड़कों किनारे खड़ी नजर आती हैं। इन बसों के रिप्लेसमेंट में सीटीयू ने 100 बसें खरीदनी हैं, जिसका प्रस्ताव बनाकर केंद्र सरकार को कई महीने पहले भेजा जा चुका है लेकिन अब तक मंजूरी नहीं मिली है। प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने खुद भी केंद्रीय मंत्री से जाकर बात की लेकिन अब तक मामला अटका हुआ है। सीटीयू विभाग के निदेशक प्रद्युमन सिंह ने कहा कि विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत कुछ बसें किराये पर लेने की योजना बनाई है। इस पर काम चल रहा है। हजारों यात्रियों को होगी परेशानी डिपो नंबर-4 में फिलहाल 100 डीजल बसें हैं, जिनकी एक्सपायरी के बाद यह डिपो पूरी तरह खाली हो जाएगा। इन बसों में रोजाना हजारों यात्री चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली के विभिन्न रूटों पर सफर करते हैं। खासकर ऑफिस जाने वाले लोग और स्कूल-कॉलेज के छात्र इन बसों पर निर्भर हैं। यदि समय रहते नई बसें सड़कों पर नहीं उतरीं तो यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा क्योंकि ट्राइसिटी में लगातार बढ़ रही आबादी के कारण बसों की मांग भी बढ़ती जा रही है। चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली में हर रोज हजारों लोग सीटीयू की बसों में सफर करते हैं। दो महीने के लिए किराये पर बसों का मिलना भी चुनौती सीटीयू के अधिकारी दो महीने के लिए 100 बसों को किराये पर लेने की योजना तो बना रहे हैं लेकिन ये भी काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाला है। महज दो महीने के लिए 100 बसें किराये पर मिलना आसान नहीं है। साथ ही कंपनियां पैसा भी ज्यादा मांगेंगी। अब तक ऐसा नहीं हुआ है। ऐसे में विभाग के लिए पारदर्शी तरीके से इस पूरी व्यवस्था को चलाना भी काफी चुनौती भरा रहेगा। हालांकि प्रशासन को उम्मीद है कि जल्द केंद्र ने नई 100 बसों को खरीदने की मंजूरी मिल जाएगी। अगर नहीं मिली तो दो महीने के लिए किराये पर ली गई बसें कई महीनों तक किराये पर ही चलाई जा सकती हैं और इसका खर्च भी करोड़ों में होगा। प्रशासक ने वैकल्पिक व्यवस्था करने के दिए आदेश पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया ने एक कार्यक्रम में मंच से चंडीगढ़ ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों को कहा कि जब तक चंडीगढ़ को केंद्र सरकार की तरफ से मंजूर की गईं बसें नहीं मिलती हैं, तब तक सीटीयू को अपनी व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि सीटीयू अपनी पूरी तैयारी रखें ताकि लोगों को कोई और असुविधा न हो। नई 100 बसों के लिए केंद्र देगा सब्सिडी सीटीयू ने 12 मीटर की अल्ट्रा लो फ्लोर की 100 ई-बसों के लिए पीएमआई के साथ समझौता किया है। यह बसें डिपो नंबर-4 के 100 डीजल बसों की जगह लेंगी। किलोमीटर के आधार पर बसें चलाई जाएंगी, जिसके लिए सीटीयू 61.80 रुपये चुकाएगा। इसमें केंद्र सरकार से प्रति किमी 24 रुपये की सब्सिडी मिलेगी। 100 बसों में कंपनी का ड्राइवर होगा, जबकि कंडक्टर सीटीयू का होगा। बेड़े की क्षमता (सीटीयू + सीसीबीएसएस) संचालन बस का प्रकार ईंधन बसों की संख्या इंटर स्टेट एचवीएसी डीजल 119 सामान्य बसें डीजल 49 ट्राइसिटी एचवीएसी डीजल 79 सामान्य बसें डीजल 199 सिर्फ एसी डीजल 80 सिर्फ एसी इलेक्ट्रिक 80 सेमी अर्बन सामान्य बसें डीजल 36 कुल बसें 642
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 27, 2025, 12:27 IST
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