Haryana Polls: बदलते दांव से कांग्रेस-BJP में कांटे की टक्कर, कौन उठाएगा 'शैलजा' व 'रोहतक की चौधर' का नुकसान?

हरियाणा विधानसभा चुनाव में मतदान की तिथि अब करीब आ रही है। पांच अक्तूबर को प्रदेश की सभी 90 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। खास बात ये है कि चुनाव प्रचार के बीच मुद्दे लगातार बदलते जा रहे हैं। कोई भी पार्टी, किसी एक या दो मुद्दों पर नहीं टिक रही। स्टार प्रचारकों के आने से नए मुद्दों को खूब हवा मिल रही है। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अगर पिछले सप्ताह की बात करें तो कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे का मुकाबला होता जा रहा है। उससे पहले कांग्रेस पार्टी का ग्राफ हाई बताया जा रहा था। भाजपा ने अब शैलजा फैक्टर और दलित वोट बैंक को जोड़कर कांग्रेस को फंसाने की कोशिश की है। साथ ही ये मैसेज भी आगे बढ़ाया जा रहा है कि कांग्रेस की सत्ता आती है तो एक समुदाय विशेष का व्यक्ति ही मुख्यमंत्री बनेगा। इतना ही नहीं, भाजपा नेताओं ने अब चुनावी रैलियों में यह भी कहना शुरु कर दिया है कि अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो 'चौधर' दोबारा से 'रोहतक' में चली जाएगी। राजनीतिक जानकार बताते हैं किकांग्रेस पार्टी, भाजपा के 'आखिरी दिन की खिलाड़ी' दांव से अच्छी तरह परिचित है। पार्टी को मालूम है कि भाजपा, आसानी से हार नहीं मानती। पिछले सप्ताह तक कांग्रेस पार्टी का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा था। पार्टी के स्टार प्रचारक एवं पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा अपनी जनसभाओं में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिलने की बात कह रहे हैं। हरियाणा की राजनीति के जानकार, रविंद्र कुमार का कहना है, देखिये चुनाव प्रचार में मुद्दे हर पल बदल रहे हैं। एक पार्टी कोई मुद्दा उठाती है तो दूसरी उसका काउंटर करती है। दोनों दलों के स्टार प्रचारकों ने चुनाव में गर्माहट ला दी है। भाजपा, एक सप्ताह से कुमारी शैलजा के मुद्दे को भुनाने का प्रयास कर रही है। इसे सबसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हवा दी थी। शैलजा ने कई दिन बाद खट्टर की बातों का खंडन किया था। खट्टर ने शैलजा की भाजपा में शामिल होने की संभावनाओं बाबत बयान दिया था। इतना ही नहीं, इससे पहले खुद शैलजा ने मुख्यमंत्री के पद को लेकर अपनी इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा था, कोई दलित चेहरा प्रदेश का सीएम क्यों नहीं बन सकता। इसके बाद ही भाजपा ने अपने चुनावी प्रचार को एक नई धार दे दी। पार्टी ने इसे दलित वोट बैंक से जोड़ दिया। खुद पीएम मोदी ने अपनी चुनावी रैली में कह दिया कि भाजपा ने वंचित और पिछड़े समाज को हरियाणा में आगे बढ़ाया है। मोदी ने कहा, ओबीसी वर्ग से आने वाले नायब सैनी को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया है। कांग्रेस सरकार, अस्थिरता के लिए जानी जाती है। बतौर मोदी, कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों, शोषितों के साथ धोखा किया है। अब कांग्रेस, इन जातियों का आरक्षण खत्म करना चाहती है। 2014 में जब हुड्डा, प्रदेश के सीएम हुआ करते थे, तब ऐसा कोई साल नहीं था, जब दलितों के साथ अन्याय नहीं हुआ। हर कोई जानता था कि दलितों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी, खाद-पानी देती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शैलजा का मुद्दा उठाया। इसके बाद प्रदेश के नेताओं ने यह कहना शुरु कर दिया कि कांग्रेस पार्टी एक ही परिवार के व्यक्ति को सीएम बनाना चाहती है। अगर कांग्रेस की सत्ता आती है तो कमजोर वर्ग के व्यक्ति को मुख्यमंत्री नहीं बनाया जाएगा। इसके बाद चुनाव प्रचार में कांग्रेस पार्टी की तरफ से कहा गया कि जो भी व्यक्ति इतने वोट लाएगा, उसके परिवार में एक सरकारी नौकरी पक्की। भाजपा ने इस मुद्दे को खर्ची और पर्ची से जोड़ दिया। कई दिन से मुख्यमंत्री नायब सैनी चुनाव प्रचार में कह रहे हैं कि भाजपा ने सरकारी नौकरी के लिए खर्ची और पर्ची की व्यवस्था बंद कर दी थी। अब कांग्रेस पार्टी उसे दोबारा से शुरू करना चाहती है। रविंद्र कुमार ने कहा, शैलजा से हाल ही में एक साक्षात्कार में पूछा गया कि क्या आप हुड्डा के प्रभाव वाले क्षेत्रों में कांग्रेस उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करेंगी, शैलजा ने इस सवाल के जवाब में कहा था कि वे मुझे बुलाएंगे ही नहीं। चुनाव प्रचार के बीच उनका यह बयान एक बार फिर भाजपा के लिए फायदे का सौदा बन गया। पार्टी इसे भुना रही है। भूपेंद्र हुड्डा ने खर्ची और पर्ची के बयान का खंडन करते हुए कहा, कांग्रेस की सरकार में दो लाख नौकरियां पूरी ईमानदारी से दी जाएंगी। आवेदकों की योग्यता के हिसाब से नौकरियां मिलेंगी। रविंद्र कुमार ने कहा, यहां पर ये बात गौर करने लायक है। कांग्रेस पार्टी के प्रचार में युवाओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कहीं न कहीं, उन्हें अपने नेताओं के मार्फत यह भरोसा मिल रहा है कि कांग्रेस सरकार बनते ही उन्हें नौकरी मिल जाएगी। वोटिंग की तिथि जैसे जैसे निकट आ रही है, भाजपा अपने प्रचार को नए तरीके से धार दे रही है। कांग्रेस को फंसाने के लिए भाजपा नेता यह प्रचार करने लगे हैं कि अगर हुड्डा सीएम बनते हैं तो प्रदेश के विकास का सारा पैसा, रोहतक में खर्च होगा। यह मुद्दा 2014 के चुनाव में भी हावी रहा था। प्रदेश की चौधर, रोहतक में चली जाएगी। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया के जरिए अब चुनाव में 2016 के आरक्षण दंगों का जिक्र करना शुरु कर दिया है। पार्टी का प्रयास है कि इस चुनाव को जाट और गैर जाट का चुनाव बना दिया जाए। हरियाणा में राहुल गांधी ने प्रचार शुर कर दिया है। उन्होंने बुधवार को हुड्डा और शैलजा को एक मंच पर बैठाया। लोगों के सामने यह संदेश देने की कोशिश की है कि इन नेताओं के बीच कोई विवाद नहीं है, सब ठीक है। राहुल गांधी, चुनावी न्याय यात्रा भी निकाल सकते हैं। यात्रा 29 या 30 सितंबर से शुरू हो सकती है। न्याय यात्रा में प्रियंका गांधी भी शामिल होंगी। पार्टी का प्रयास है कि शैलजा के जरिए दलित वोटरों को कांग्रेस से दूर नहीं जाने दिया जाए। वजह, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को दलित वोट बैंक का भरपूर फायदा मिला था। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि राहुल और प्रियंका की जनसभाओं में कुमारी शैलजा को अधिक तवज्जो दी जाएगी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 26, 2024, 17:42 IST
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