Chhoti Diwali 2025: रूप चौदस पर न लगाएं ये उबटन, त्वचा पर हो सकते हैं मुहांसे

Roop Chaudas 2025:रूप चौदस यानी नरक चतुर्दशी को सुंदरता और शुद्धता का पर्व माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और स्नान कर खुद को चंदन, उबटन और सुगंधित तेल से अलंकृत किया था। तभी से इस दिन उबटन लगाने की परंपरा चली आ रही है। उबटन लगाने का उद्देश्य सिर्फ सौंदर्य बढ़ाना नहीं, बल्कि शरीर को शुद्ध और ऊर्जावान बनाना है। माना जाता है कि रूप चौदस पर उबटन लगाने से तन और मन दोनों पवित्र होते हैं, नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और लक्ष्मी माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आयुर्वेद के अनुसार उबटन त्वचा से मृत कोशिकाएं हटाकर त्वचा में निखार और चमक लाता है। इसलिए इस दिन विशेष रूप से चंदन, हल्दी, बेसन और गुलाब जल से बना उबटन लगाने की परंपरा है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति रूप चौदस के दिन स्नान से पहले उबटन लगाता है, उसके जीवन में तेज, सौभाग्य और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 18, 2025, 10:43 IST
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