सख्ती: प्रधान पतियों पर लगाम की तैयारी, सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनी समिति ने की दंड लगाने की सिफारिश
देश की ग्राम पंचायतों में महिला प्रधान के पति और रिश्तेदारों की ओर से चलाया जा रहा शासन अब नहीं चलेगा। इसके लिए बनी समिति ने प्रधान पति, सरपंच पति और मुखिया पति के मामले में प्रॉक्सी संचालन साबित होने पर दंड लगाने की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पूर्व खान सचिव सुशील कुमार की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया था, जिसे इस प्रॉक्सी व्यवस्था पर लगाम लगाने के उपाय सुझाने थे। पंचायती राज मंत्रालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में समिति ने सभी के लिए पंचायत चुनाव लड़ने की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता निर्धारित करने, बैठकों की वीडियो रिकॉर्डिंग कराने, महिला निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों में सुधार करने के लिए कानूनी उपाय समेत कई सिफारिश की है। मंत्रालय अब इसके आधार पर नीतिगत हस्तक्षेप, संरचनात्मक सुधारों को लागू करने की योजना पर काम कर रहा है। भारत में तीन स्तरों पर ग्राम पंचायत, गांव स्तर पर ब्लॉक स्तर पर पंचायत समिति, और जिला स्तर पर जिला परिषद में 2.63 लाख पंचायते हैं। जिसमें 32.29 लाख प्रतिनिधि हैं। इनमें 15.06 लाख यानी 46.6 फीसदी महिलाएं हैं। इसका मकसद महिलाओं को राजनीतिक रुप से सशक्त बनाना और समावेशी ग्रामीण विकास सुनिश्चित करना।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Feb 27, 2025, 05:36 IST
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