Congress: 2023 से पहले बने गाड़ियों के इंजन क्यों हो रहे डैमेज? पवन खेड़ा ने बताई इथेनॉल के खेल की कहानी

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इथेनॉल को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर टारगेट करते हुए कहा कि,उनके मंत्री नितिन गडकरी केंद्र सरकार में नीति बना रहे है, जबकि उनके बेटे इसी से पैसा बना रहे है। गुरुवार को कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी पर निशाना साधा हैं। खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, एक तरफ पिता नितिन गडकरी केंद्र सरकार में बैठकर इथेनॉल को लेकर नीति बना रहे हैं। जबकि दूसरी तरफ उनका बेटे इसी नीति का फायदा उठाकर पैसा कमा रहे है। साल 2018 में नितिन गडकरी ने वादा किया था कि 5 इथेनॉल उत्पादक सेंटर तैयार किए जाएंगे। लेकिन, ये सेंटर तैयार नहीं हो पाए। खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के दोनों बेटों की कंपनियां इथेनॉल प्रोड्यूस करती हैं। बेटे निखिल गडकरी की कंपनी सियान एग्रो का जून 2024 में रेवेन्यू 18 करोड़ था। जो जून, 2025 में बढ़कर 523 करोड़ हो गया। इनकी शेयर की कीमत जनवरी 2025 में 37.45 पैसे थे। अभी 368 रुपए है। खेड़ा ने कहा कि, पिछले 11 साल के इतिहास में कोई भी स्कीम समय से पूरी नहीं हुई। लेकिन इथेनॉल से जुड़ी स्कीम 2025 की समयसीमा से पहले पूरी हो गई है। हमने समय सीमा से पहले 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है। आज एक लीटर इथेनॉल बनाने में 3000 लीटर पानी खर्च होता है। इस इथेनॉल को तैयार करने में पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है। नीति आयोग ने भी कहा कि इथेनॉल के चलते गाड़ियों की माइलेज की गिरावट हुई है। 2023 से पहले जितने भी इंजन बने हैं, वो इथेनॉल के साथ मेल नहीं खाते हैं। इससे इंजन डैमेज हो रहे, लोगों की कमाई बर्बाद हो रही है। प्रवक्ता खेड़ा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, रूस से कच्चा सस्ता तेल आता हैं, फिर वह पीएम मोदी के दोस्त की रिफाइनरी में जाता है। इसके बाद पीएम मोदी के कैबिनेट मंत्रियों के बेटों की फैक्ट्री में जाता है। वहां इसमें इथेनॉल मिक्स होता हैं। फिर दिल्ली में मोदी जी इसमें टैक्स मिक्स मिला देते है। इस तरह से अर्थव्यवस्था की खिचड़ी बन जाती है। सरकार ने देश को बताया था गया कि इथेनॉल से किसानों को फायदा होगा लेकिन असल में उन्हें कोई फायदा नहीं मिल रहा, बल्कि फायदा गडकरी के बेटे जैसे लोग उठा रहे हैं। देश में जितनी भी इथेनॉल की डिस्टिलरीज हैं, वो रेड कैटेगरी में आती हैं, यानी पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंच रहा है। ऐसे में सवाल है- इथेनॉल से देश के किस वर्ग को लाभ मिल रहा है खेड़ा ने कहा कि, मोदी सरकार ने किसानों को वादा करते हुए कहा था कि इथेनॉल की वजह से आपकी आय दोगुनी हो जाएगी। लेकिन अब किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार किसानों से सस्ते दाम पर अनाज और गन्ना ले रही है। उससे इथेनॉल बना रही है। लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं दे रही है। सरकार ने वादा किया था कि इथेनॉल तैयार होने के बाद पेट्रोल-डीजल के रेट कम हो जाएंगे लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 04, 2025, 14:27 IST
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