संशोधित खबरः हिंदी हमारी अस्मिता और पहचान का प्रतीक : प्रो. सुधा सिंह
नई दिल्ली। इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र (आईजीएनसीए) में मंगलवार को हिंदी माह का उद्धाटन सत्र का आयोजन किया गया। कार्यक्रम दो से 30 सितंबर तक चलेगा। इस दौरान कार्यक्रम में विविध सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रमों तथा प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग की अध्यक्ष प्रो. सुधा सिंह रहीं, जबकि अध्यक्षता आईजीएनसीए के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने की।प्रो. सुधा सिंह ने कहा कि हिंदी का उत्सव केवल एक दिन या पखवाड़े तक सीमित नहीं, बल्कि हमारी भाषाई और सांस्कृतिक परंपरा का पर्व है। हिंदी माह का उद्देश्य हिंदी के प्रयोग और जागरूकता को बढ़ाना है। उन्होंने सभी सहयोगियों से आह्वान किया कि 14 सितंबर हिंदी दिवस और 11 दिसंबर भारतीय भाषा दिवस तक वे अपनी मातृभाषा के अलावा किसी अन्य भारतीय भाषा को सीखने की चुनौती स्वीकार करें। उन्होंने बताया कि आईजीएनसीए के प्रकाशनों में हिंदी का उपयोग लगभग 50 प्रतिशत तक बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि भाषा सरल और बोधगम्य होनी चाहिए और हिंदी के उपहास की निंदा की जानी चाहिए। भाषा केवल व्यापार या रोजगार का साधन नहीं, बल्कि लगाव और आत्मीयता का विषय है। उन्होंने हिन्दी के इतिहास और विकास पर भी विस्तार से चर्चा की। इसके बाद डॉ. प्रियंका मिश्रा ने कहा, हिंदी सप्ताह से हिंदी पखवाड़ा और अब हिंदी माह तक का सफर, आईजीएनसीए की हिंदी के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। आने वाले दिनों में कविता पाठ, भक्ति गीत, क्षेत्रीय शब्दावलियों और भाषाई सर्वेक्षण प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 02, 2025, 21:44 IST
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