Air Crisis: नियमों का पालन नहीं करने वाले उद्योगों और निर्माण साइटों पर शिकंजा, सिरसा ने कहा- कोई पक्षपात नहीं

दिल्ली में वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को सभी जिलों के डीसी, डीएम, डीएसआईआईडीसी और एमसीडी अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि 7 दिनों के अंदर गैर-अनुरूपित क्षेत्रों में चल रही सभी इंडस्ट्रीज और निर्माण साइटों का सर्वे पूरा कर नियम तोड़ने वालों पर तत्काल कार्रवाई की जाए। मंत्री ने कहा कि कार्रवाई में कोई पक्षपात नहीं होगा, चाहे निजी बिल्डर हो या सरकारी एजेंसी। मंत्री ने बताया कि पिछले दो दिनों में ही सरकारी एजेंसियों की 230 साइटों का निरीक्षण किया गया, जिसमें डीडीए, डीएसआईआईडीसी, एमसीडी, पीडब्ल्यूडी और डीएमआरसी जैसी एजेंसियां भी नियमों का उल्लंघन करते पाई गईं। इन पर कुल 1 करोड़ रुपये का शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है। वहीं, डीपीसीसी ने पिछले कुछ दिनों में 1,756 निर्माण साइटों का निरीक्षण कर 556 नोटिस जारी किए, 7 करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला और 48 साइटों को सीलकर दिया। सिरसा ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में प्रदूषण नियंत्रण अब साल भर चलने वाला मिशन है। धूल, कचरा जलाना, टूटी सड़कें और गैर-कानूनी उद्योग हर मोर्चे पर एक साथ वार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस साल अब तक 42,000 से ज्यादा गड्ढे भरे जा चुके हैं, जो पिछले साल के 18,000 से दोगुने से भी ज्यादा हैं। खाली प्लॉट, टूटी सड़कें और गड्ढों का पूरा डेटा एकत्र करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा 350 नए मिस्ट-स्प्रे सिस्टम लगाए गए हैं और जल्द ही 100 मैकेनिकल रोड स्वीपर मशीनें और 1,000 लिटर-पिकर एमसीडी को मिलने वाले हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली का ईवी मॉडल रंग ला रहा है। दिसंबर 2024 में जहां 3.46 लाख ईवी पंजीकृत थे, वहीं नवंबर 2025 में यह संख्या बढ़कर 4.54 लाख हो गई। सिरसा ने बताया कि खुले में जलाने पर सख्ती, मजदूरों को 10,000 हीटर बांटे जाएंगे। ओपन बर्निंग रोकने के लिए 633 विशेष टीमें तैनात हैं। अब तक 1,407 आरडब्ल्यूए को 3,377 इलेक्ट्रिक हीटर बांटे जा चुके हैं और कुल 10,000 हीटर वितरित किए जाएंगे ताकि ठंड में मजदूर आग न जलाएं। मंत्री ने ठेकेदारों को चेतावनी दी कि हीटर उपलब्ध न कराने पर सरकार खुद देगी, लेकिन लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सभी बीएस-IV और उससे पुराने जनरेटर में एंटी-पॉल्यूशन डिवाइस लगाना अब अनिवार्य है। 10 माह बाद मेट्रो के निर्माण से होने वाले प्रदूषण की आई याद : यादव प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने राजधानी में खतरनाक स्तर पर पहुंचे प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि 10 महीने बाद मुख्यमंत्री को याद आया कि मेट्रो के निर्माण से होने वाला प्रदूषण भी नियंत्रित करना है, जबकि यह समस्या कई वर्षों से बनी हुई है। यादव ने कहा कि कांग्रेस शासन में मेट्रो निर्माण की मिट्टी, धूल और मलबा रातों-रात हटाया जाता था। सड़कों की धुलाई होती थी, लेकिन अब निर्माण कार्य कम होने और अधिकतर भूमिगत होने के बावजूद सरकार गंभीर नहीं दिख रही है। यादव ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए मेट्रो पर ठीकरा फोड़ रही है, जबकि प्रदूषण नियंत्रण में सबसे बड़ी जिम्मेदारी एमसीडी, पीडब्ल्यूडी, डीडीए, एनडीएमसी, दिल्ली छावनी बोर्ड और अन्य विभागों की है, जिन्हें सरकार ने कोई स्पष्ट आदेश जारी नहीं किए हैं। सीएम ने किया रिंग रोड पर पानी का छिड़काव दिल्ली सरकार ने शनिवार को प्रदूषण नियंत्रण और धूल कम करने के लिए एक व्यापक अभियान चलाया। सिविल लाइंस स्थित खैबरपास चौक पर मुख्यमंत्री ने रिंग रोड की धुलाई की और पानी का छिड़काव किया।मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली के इतिहास में पहली बार पूरे रिंग रोड पर धुलाई और सफाई अभियान चलाया गया। अभियान में कैबिनेट मंत्री रविन्द्र इन्द्राज सिंह, विधायक सूर्य प्रकाश खत्री और विभिन्न विभागों के अधिकारी व स्टाफ भी शामिल हुए। रेखा गुप्ता ने कहा कि धूल राजधानी में प्रदूषण का बड़ा कारण है और इसे स्थायी रूप से नियंत्रित करने के लिए सड़क निर्माण वॉल टू वॉल किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व सरकारों ने सड़कों के निर्माण में रुचि नहीं दिखाई और अधूरी सड़कें होने के कारण पूरे वर्ष धूल उड़ती रहती थी। उन्होंने कहा कि हर विधायक को 10 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है ताकि वे अपने क्षेत्र में स्थायी और प्रदूषण नियंत्रित सड़क निर्माण कर सकें। उन्होंने बताया कि सरकार हर दिन नए कदम उठाकर प्रदूषण को नियंत्रित करने के प्रयास में आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि यह अभियान तभी सफल होगा जब नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझकर सक्रिय रूप से भाग लेंगे। दिल्ली मेट्रो का प्रदूषण रोकने के लिए विशेष अभियान दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) राजधानी में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए लगातार विशेष एंटी-पॉल्यूशन ड्राइव चला रहा है। इस अभियान के तहत मेट्रो कनिर्माण स्थलों और आसपास की सड़कों पर धूल कम करने, सड़कों और फुटपाथों की सफाई, कूड़ा हटाने और क्षतिग्रस्त हिस्सों की मरम्मत जैसे कई काम किए जा रहे हैं। डीएमआरसी के अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में लगभग 19 किलोमीटर सड़कें उसके अस्थायी अधिकार क्षेत्र में हैं, जिनकी मरम्मत पहले ही कर दी गई है। निर्माण स्थलों, स्टेशनों और कार्यालयों में धूल कम करने के लिए सौ से अधिक एंटी-स्मॉग गन लगाई गई हैं, जिनकी रोजाना जांच की जाती है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सभी एजेंसियों को पर्यावरण नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वह इन नियमों का पूरी तरह पालन करते हुए प्रदूषण कम करने के लिए लगातार प्रयास करता रहेगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Dec 07, 2025, 02:51 IST
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