किसानों की मेहनत पर पानी: हरियाणा में 11 जिलों में बारिश से मंडियों में फसल भीगी...तिरपालें भी पड़ीं कम

जिसका डर था, वहीं हुआ। सरकार की अव्यवस्था व प्रशासन की लापरवाही से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया। शुक्रवार शाम हरियाणा के 11 जिलों रोहतक, जींद, अंबाला, कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, यमुनानगर, फरीदाबाद, हिसार व पानीपत में बूंदाबांदी हुई। इससे इन जिलों में मंडियों में खुले में पड़ा लाखों टन गेहूं भीग गया। इसके अलावा, भिवानी, सिरसा व एनसीआर के कुछ जिलों में शाम को तेज हवाएं चलीं जिससे इन जिलों में मौसम बिगड़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, 20 अप्रैल तक प्रदेश के उत्तरी जिलों में तेज हवाएं, हल्की बारिश व ओलावृष्टि हो सकती है। बाकी जिलों में अंधड़ व आंशिक बादलवाही होगी। ऐसे में दो दिन तक किसानों की फसल भीगने का डर बना रहेगा। मौसम विभाग के अलर्ट को देखते हुए शुक्रवार शाम को किसानों ने फसल को तिरपालों से ढंकना शुरू कर दिया। दूसरी तरफ बारिश से मंडियों में प्रबंधों की फिर पोल खुली। रोहतक की मंडी में गेहूं बारिश के पानी के साथ बहने लगा। जींद में तिरपाल कम पड़ गईं। यहां गेहूं से भरी बोरियों को चादरों से ढका गया। करनाल के मुनक में भी उठान में देरी के कारण एजेंसियों की तरफ से खरीदी गई फसल भीग गई। अंबाला के गांव सम्भालखा और मुलाना इलाके में बारिश के साथ ओलावृष्टि से गेहूं की फसल को नुकसान पहुंचा। कैथल में खुले में रखे गेहूं के ढाई लाख बोरे भीग गए। खरीद होगी प्रभावित गेहूं भीगने से इसमें नमी की मात्रा बढ़ जाएगी। इससे खरीद प्रभावित होगी। धीमी उठान के कारण हरियाणा की मंडियां पहले ही गेहूं से अटी पड़ीं हैं। राज्य की 417 मंडियों में अभी तक सिर्फ 25.59 फीसदी गेहूं की ही उठान हो पाई है। शुक्रवार रात हरियाणा की मंडियों में 44 लाख 37 हजार 165 लाख मीट्रिक टन पहुंचा। अब तक सरकार ने 37.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की है, जिसमें से सिर्फ 11 लाख मीट्रिक टन की उठान अब तक हो पाई है। मंडियों में उठान नहीं होने से किसानों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। मंत्री बोले-उठान तेज की जाएगी कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने कहा उठान कार्य जारी है। एक दो दिन में उठान को और तेज किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे उठान पर फोकस करें और किसी तरह की कोई दिक्कत न आए। विपक्ष का आरोप, मंडियों में उचित प्रबंध नहीं सिरसा से सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि गेहूं खरीद को लेकर सरकार के प्रबंध धरे के धरे रह गए हैं। खुले आसमान के नीचे पड़ा गेहूं सरकार के दावों की पोल खोल रहा है। न तिरपाल का कोई प्रबंध है और न ही उठान की ओर कोई ध्यान दिया जा रहा है। एक अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद में अभी तक प्रदेश की मंडियों में गेहूं की आधी ही आवक हुई है। सच तो यह है कि भाजपा सरकार दिखावे के लिए ही किसानों की बात करती है। उठान समय पर न होने के कारण कई मंडियों में शेड और खाली जमीन पर फसल रखने की जगह तक नहीं बची और आवक लगातार जारी है। सड़कों पर पेड़ गिरे शुक्रवार शाम को कई जिलों में आंधी चलने से पेड़ भी गिर गए। कैथल-करनाल रोड व कैथल-पटियाला स्टेट हाइवे पर पेड़ गिरने से रास्ता अवरुद्ध हो गया। दावा : दो लाख किसानों की फसल खरीदी हरियाणा सरकार के मुताबिक, अब तक 2 लाख से अधिक किसानों से गेहूं की खरीद की जा चुकी है। करीब 1,400 करोड़ रुपये की राशि किसानों के बैंक खाते में सीधे भेजी जा चुकी है। पिछले साल 17 अप्रैल तक लगभग 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई थी। मंडियों में गेहूं के अलावा सरसों की भी खरीद की जा रही है। 16 अप्रैल तक 4.93 लाख मिट्रिक टन सरसों की खरीद की जा चुकी है और 3.40 लाख मिट्रिक टन उठान भी हो चुका है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 19, 2025, 08:40 IST
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