Curiosity: सिर्फ जिज्ञासु होना ही काफी नहीं; कब, किससे और क्या बोलें ये जानना भी है जरूरी

Curiosity: जब आप अपने आसपास कुछ नई या अनोखी चीज देखते हैं, तो आपको उसके बारे में जानने की इच्छा (जिज्ञासा) होती है। यह हर किसी के साथ होता है, फिर चाहे वह कोई छात्र हो या पेशेवर अथवा आम इन्सान। क्या आपने कभी इस बारे में विचार किया है कि जिज्ञासा की असल परिभाषा क्या है यह किसी चीज के बारे में सिर्फ तथ्य और आंकड़े जैसी जानकारी इकट्ठा करना नहीं है, बल्कि यह लोगों से गहरे स्तर पर जुड़ने, उनकी कहानियों, मूल्यों और भावनाओं को समझने के बारे में है। यह मानसिकता न केवल रचनात्मकता और नवाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि बेवजह के तनाव और बर्नआउट को भी कम करती है। बौद्धिक विनम्रता कभी-कभी कुछ न पता होना आपकी जिज्ञासा को बढ़ाता है। इसलिए 'मुझे नहीं पता' कहना भी सीखें। यह आपकी बौद्धिक विनम्रता को दर्शाता है, जिसका अर्थ यह स्वीकार करना है कि आपके पास उस सवाल का जवाब नहीं है। यह दर्शाता है कि आप अहंकारी नहीं हैं और दूसरों से सीखने के लिए तैयार हैं। सभी उत्तरों को जानने का दिखावा करने के बजाय खुद से 'मैं और अधिक कैसे सीख सकता हूं' जैसे प्रश्न पूछने से सहयोग और समस्या-समाधान को बढ़ावा मिलता है। अधिक जानने की इच्छा जब कोई इन्सान आपसे कोई नई बात साझा करता है, तो 'मुझे इसके बारे में और बताएं' जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना यह दर्शाता है कि आप वास्तव में उस विषय के बारे में जानने में रुचि रखते हैं। इससे न सिर्फ तनाव कम होता है, बल्कि रचनात्मकता भी बढ़ती है और बेहतर परिणाम मिलते हैं। याद रखें, जब आप एक सार्थक तरीके से जवाब देने में विफल रहते हैं, तब आप अच्छे संबंध बनाने के लिए एक बेहतरीन अवसर भी गंवा देते हैं।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 25, 2025, 10:14 IST
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